पार्षद निधि के कार्यों की फाइल दबाकर बैठा नगरनिगम
नगर निगम))पार्षद निधि के कार्यों की फाइल दबाकर बैठा नगर निगमनगर निगम))पार्षद निधि के कार्यों की फाइल दबाकर बैठा नगर निगमनगर निगम))पार्षद निधि के कार्यों की फाइल दबाकर बैठा नगर निगमनगर निगम))पार्षद निधि के कार्यों की फाइल दबाकर बैठा नगर निगमनगर निगम))पार्षद निधि के कार्यों की फाइल दबाकर बैठा नगर निगमनगर निगम))पार्षद निधि के कार्यों की फाइल दबाकर बैठा नगर निगमनगर निगम))पार्षद निधि के कार्यों की फाइल दबाकर बैठा नगर निगमनगर निगम))पार्षद निधि के कार्यों की फाइल दबाकर बैठा नगर निगमनगर निगम))पार्षद निधि के कार्यों की फाइल दबाकर बैठा नगर निगमनगर निगम))पार्षद निधि के कार्यों की फाइल दबाकर बैठा नगर निगमनगर निगम))पार्षद निधि के कार्यों की फाइल दबाकर बैठा नगर निगमनगर निगम))पार्षद निधि के कार्यों की फाइल दबाकर बैठा नगर निगमनगर निगम))पार्षद निधि के कार्यों की फाइल दबाकर बैठा नगर निगमनगर निगम))पार्षद निधि के कार्यों की फाइल दबाकर बैठा नगर निगम
अयोध्या : नगर निगम में पार्षदों के साथ भी खेल हो रहा है। बोर्ड बैठक में पार्षद निधि का ऐलान करने के बाद कार्यों के लिए प्रस्ताव मांगे गए। वार्ड में विकास का सपना संजोए पार्षदों ने अपने प्रस्ताव भी नगर निगम को दे दिए, लेकिन जिम्मेदारों का रवैया निराशाजनक रहा। पार्षदों के प्रस्ताव पर ध्यान नहीं दिया गया। ऐसे में पार्षद निधि के विकास कार्यों पर ग्रहण लगता नजर आ रहा है।
पार्षदों के सामने सबसे बड़ी दुविधा यह है कि वार्ड में जनता का सामना वे कैसे करेंगे। जनता की मांग पर प्रस्ताव तैयार किया गया, उन प्रस्तावों पर कार्य शुरू न होने से पार्षदों के सामने समस्या खड़ी हो गई है। गत 11 फरवरी को तालाबंदी के दौरान नगर निगम के जिम्मेदारों ने तीन दिनों के भीतर पार्षद निधि का टेंडर निकाले का भरोसा पार्षदों को दिलाया था। नौ दिन बीत जाने के बाद भी टेंडर नहीं निकाला गया। इसके पीछे बड़ी वजह मैनुअल टेंडर बताया जा रहा है। नगर आयुक्त आरएस गुप्त का कहना है कि एक लाख रुपये तक के कार्य का ही मैनुअल टेंडर हो सकता है। पार्षद निधि से 329 कार्यों को स्वीकृति दी गई है, वह 18 करोड़ रुपये की है, जिसमें ई-टेंड¨रग होनी चाहिए। महापौर ने मैनुअल टेंड¨रग के लिए पत्र लिखा था, जिसपर शासन से दिशा-निर्देश मांगा गया है। पार्षद विशाल पाल ने कहाकि कार्य का टेंडर मैनुअल हो अथवा ई-टेंडर से, लेकिन पार्षद निधि से कार्य होना चाहिए। जनहित के कार्य रुकने नहीं चाहिए।