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वेणीमाधवदास को संतों ने किया नमन

रामघाट स्थित माधवकुंज में ब्रह्मलीन वेणीमाधवदास को नमन किया गया। मौका उनकी 16वीं पुण्यतिथि का था। श्रद्धांजलि समारोह का संयोजन वेणीमाधवदास के शिष्य एवं माधवकुंज के महंत शिवरामदास एवं बक्सर के उधुरा ब्रह्मपुर स्थित रामजानकी मंदिर के महंत भरतदास ने किया.

By JagranEdited By: Published: Thu, 22 Oct 2020 10:55 PM (IST)Updated: Thu, 22 Oct 2020 10:55 PM (IST)
वेणीमाधवदास को संतों ने किया नमन
वेणीमाधवदास को संतों ने किया नमन

अयोध्या : रामघाट स्थित माधवकुंज में ब्रह्मलीन वेणीमाधवदास को नमन किया गया। मौका, उनकी 16वीं पुण्यतिथि का था। श्रद्धांजलि समारोह का संयोजन वेणीमाधवदास के शिष्य एवं माधवकुंज के महंत शिवरामदास एवं बक्सर के उधुरा ब्रह्मपुर स्थित रामजानकी मंदिर के महंत भरतदास ने किया। कार्यक्रम की शुरुआत साकेतवासी संत के चित्र पर पुष्पांजलि से की गयी। महंत भरतदास ने अपने उद्बोधन में कहा, महर्षि विश्वामित्र की पौराणिक नगरी बक्सर के ब्रह्मपुर क्षेत्र में श्रीराम मंदिर के संस्थापक ब्रह्मलीन संत वेणीमाधवदास में साधना और विद्वता का अपूर्व समंवय था। लक्ष्मण किलाधीश महंत मैथिलीरमणशरण ने वेणीमाधव दास को अद्वितीय संत बताया। स्वामी अंगदास ने उन्हें महान संत बताया। शिवरामदास ने कहा, अपनी कीर्ति ही मनुष्य को अमर बनाती है और गुरुदेव स्थूल रूप से हमारे बीच न होते हुए भी तत्वत: सदैव विद्यमान रहते हैं। वेणीमाधवदास को श्रद्धांजलि देने वालों में निर्वाणी अनी अखाड़ा के श्रीमहंत धर्मदास, रसिक पीठाधीश्वर महंत जन्मेजयशरण, दिगंबर अखाड़ा के महंत सुरेशदास, रामकुंज के महंत रामानंददास, विद्याकुंड बड़ास्थान के महंत उमेशदास, दशरथगद्दी के महंत बृजमोहनदास, महंत प्रेमशंकरदास, महंत प्रेमदास, महंत रामभवनदास, महंत रामप्रियदास, महंत सुधीरदास आदि रहे।

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