कोरोना के मोर्चे पर मुस्तैद बैंक कर्मी
एक ओर जहां लॉकडाउन और कोरोना के खौफ से लोग घरों में हैं। तमाम कार्यालयों में सन्नाटा है। सड़कें सूनी हैं तो
अयोध्या: एक ओर जहां लॉकडाउन और कोरोना के खौफ से लोग घरों में हैं, तमाम कार्यालयों में सन्नाटा है, सड़कें सूनी हैं तो दूसरी ओर बैंक हैं, जिनके कर्मी बिना किसी डर व झिझक के कर्तव्य पालन के मोर्चे पर मुस्तैद हैं। भारतीय स्टेट बैंक की चौक ब्रांच के प्रबंधक सुवीर शुक्ल को ही ले लीजिए। रोजाना नियत समय पर बैंक पहुंच जाते हैं। रोजमर्रा के कार्यों को निपटाते हैं। रोज की तरह ग्राहकों से मुखातिब होते हैं और जरूरतमंदों की सहायता के लिए तत्पर भी रहते हैं। कहते हैं, जब पूरी दुनिया ही अभूतपूर्व और अकल्पनीय परिस्थिति से गुजर रही है तो ऐसे वक्त में किसी के किसी भी रूप में काम आना सौभाग्य की बात है। व्यवस्थाओं को सुचारु बनाए रखने में बैंकिग सेवाएं भी अपरिहार्य हैं। ऐसे में सभी बैंक कर्मी पूरे उत्साह से इस कठिन परिस्थिति में भी अपनी ड्यूटी कर रहे हैं।
सुवीर अकेले नहीं हैं, बल्कि उन जैसे तमाम बैंक कर्मी हैं, जो अपनी परवाह किए बिना लोगों की सेवा में तत्पर हैं। मंगलवार को सेंट्रल बैंक, स्टेट बैंक, पंजाब नेशनल बैंक व अन्य बैंक की शाखाओं में कर्मी रोजाना की ही तरह कार्य करते नजर आए, हां एक-दूसरे से फासले के मानक का भी पालन होता दिखा। सिविल लाइंस में एटीएम से धन निकालकर बाहर निकले बैंक ग्राहक करीब 50 वर्षीय गोविद कहते हैं कि इस कठिन परिस्थिति में यदि बैंकिग सेवाएं भी बंद रहती हैं तो मुश्किलों से पार पाना असंभव जैसा हो जाता है। ऐसी कठिन परिस्थिति में ड्यूटी पर रोजाना की तरह मौजूद रहने वाले बैंक कर्मी निश्चित ही सराहना योग्य हैं। सिविल लाइंस स्थित केनरा बैंक के कर्मचारियों ने तो इससे भी दो कदम आगे बढ़ाते हुए आपसी सहयोग से उन लोगों के लिए राशन और आवश्यक वस्तुओं का इंतजाम किया है जो लॉकडाउन के कारण विषम परिस्थितियों का सामना कर रहे हैं। केनरा बैंक कर्मियों ने लगभग पांच सौ पैकेट तैयार कर जरूरतमंदों तक पहुंचाने का संकल्प लिया है।