सुप्रीमकोर्ट की ओर लगी रामनगरी की निगाह
कककककककककककककककककककककककककककककककककककककककककककककककककककककककककककककककककककककककककककककककककककककककककककककहहहहहहहहहहहहहहहहहहहहहहहहहहहहहहहहहहहहहहहहहहहहहहहहहहहहहहहहहहहहहहहहहहहहहहहहहहहहहहहहहहहहहहहहहहहहहहहहहहहहहहहहहहहहहहहह
अयोध्या : सुप्रीमकोर्ट में गुरुवार से रामजन्मभूमि-बाबरी मस्जिद विवाद की सुनवाई आरंभ होनी है। सुनवाई के लिए मंगलवार को ही पांच सदस्यीय बेंच गठित होने से इस विवाद का निर्णय आने की बाट जोह रहे लोग उत्साहित हैं। संतों को उम्मीद है कि गुरुवार से होने वाली सुनवाई नियमित होगी और जल्द ही अंतिम परिणाम तक पहुंचेगी। रामजन्मभूमि न्यास के अध्यक्ष महंत नृत्यगोपालदास ने कहा, सर्वोच्च न्यायलय के माध्यम से मंदिर निर्माण का मार्ग प्रशस्त होने की उम्मीद की जा सकती है।
उन्होंने अदालत के प्रति आदर व्यक्त करते हुए यह शर्त भी रखी कि सुप्रीमकोर्ट को भी ¨हदू जनभावनाओं का आदर करना होगा। राममंदिर के लिए बेकरारी के पर्याय तपस्वीजी की छावनी के महंत परमहंसदास ने कहा कि चार जनवरी के बाद सुप्रीमकोर्ट में जिस तरह छह दिन के अंदर अगली तारीख लगाई गई और गुरुवार की सुनवाई के दो दिन पूर्व विशेष बेंच का गठन किया। उससे साफ है कि कोर्ट किसी हीला-हवाली के मूड में नहीं है और इस संभावना से इंकार नहीं किया जा सकता कि मंदिर निर्माण अब दूर की कौड़ी नहीं रह गई है। परमहंसदास के अनुसार कोर्ट के निर्णय के माध्यम से मसले का हल सर्वश्रेष्ठ विकल्प है। परमहंसदास गत वर्ष एक से 12 अक्टूबर तक मंदिर निर्माण के लिए अनशन करने के साथ आत्मदाह की घोषणा के चलते 20 दिन तक जेल में रहने के बाद जमानत पर छूटे हैं। आम तौर पर कोर्ट के निर्णय के इंतजार में क्षोभ जताने वाली विहिप का सुर भी बदल गया है। विहिप प्रवक्ता शरद शर्मा ने कहा, पहली बार कोर्ट की प्रतिबद्धता सामने आई है और हम उन लोगों में भी सदबुद्धि आने की कामना भगवान से कर रहे हैं, जो हर मौके पर विघ्न पैदा करने में ही अपनी भलाई समझते हैं।
-------------------
बेंच में मुस्लिम जज न होने पर हाजी को आपत्ति
- बाबरी मस्जिद के पक्षकार हाजी महबूब ने रामजन्मभूमि-बाबरी मस्जिद की सुनवाई के लिए सुप्रीमकोर्ट की पांच सदस्यीय बेंच पर सवाल उठाया है। उन्होंने बेंच में सभी ¨हदू जजों को शामिल किए जाने पर जताया एतराज। कहा, बेंच में मुस्लिम जज भी शामिल किया जाना चाहिए था। हाजी ने सुनवाई के लिए न्यायिक तैयारियों को राजनीति से भी प्रेरित बताकर अपनी आपत्ति जताई।
-------------------
सुप्रीमकोर्ट की तत्परता स्वागतयोग्य
- बाबरी मस्जिद के एक अन्य मुद्दई मो. इकबाल ने मामले की सुनवाई के लिए सुप्रीमकोर्ट की तत्परता को स्वागतयोग्य बताया और सुनवाई के लिए गठित बेंच में सभी ¨हदू जजों को शामिल किए जाने पर आपत्ति जताने से इंकार किया। कहा, यह कोई विषय नहीं है। सही तो यह है कि कोर्ट सुबूतों के आधार पर फैसला देती है और वह जो भी फैसला देगी हमें मान्य होगा।