अयोध्या धर्मसभा के दिन 67 हजार श्रद्धालुओं ने किया रामलला का दर्शन
रामनगरी में सुरक्षातंत्र की ओर से लगाई गई पाबंदियां भी श्रद्धालुओं के कदम नहीं रोक सकीं। रामलला की दर्शन अवधि जैसे ही आरंभ हुई श्रद्धालु अधिगृहीत परिसर की ओर बढ़ चले।
जेएनएन, अयोध्या। रामनगरी में सुरक्षातंत्र की ओर से लगाई गई पाबंदियां भी श्रद्धालुओं के कदम नहीं रोक सकीं। रामलला की दर्शन अवधि जैसे ही आरंभ हुई श्रद्धालु अधिगृहीत परिसर की ओर बढ़ चले। पहली पाली में 27064 श्रद्धालुओं ने रामलला के दर्शन किए, तो दूसरी पाली में श्रद्धालुओं की संख्या बढ़कर 40 हजार 824 के पार पहुंच गई। रविवार को दोनों पाली मिलाकर रामलला के दर्शनार्थियों की संख्या 67 हजार से अधिक रही।
सुरक्षा व्यवस्था से जुड़े अधिकारियों के अनुसार रविवार को दर्शनार्थियों में विहिप व शिवसेना समर्थकों के साथ ही आम श्रद्धालुओं की संख्या भी अधिक रही। रविवार की अपेक्षा शनिवार को श्रद्धालुओं की संख्या कम थी। शनिवार की दोनों पाली मिलाकर 17 हजार श्रद्धालु ही दर्शन कर सके। इसके पीछे शनिवार को हुए आशीर्वाद समारोह में शिवसैनिकों की व्यवस्था और पुलिस की सख्ती को कारण माना जा रहा है। आम दिनों में दोनों पाली मिलाकर रामलला के दर्शनार्थियों की संख्या 25 से 30 हजार के बीच होती है, जबकि त्यौहार व मेलों में ये संख्या बढ़कर 90 हजार से एक लाख तक पहुंच जाती है।
दो दिन दर्शन करने वालों के ठिठके रहे कदम
शनिवार को 17680 भक्तों ने रामजन्म भूमि के दर्शन किये। डीजीपी मुख्यालय के अधिकारियों के अनुसार शनिवार सुबह सात से 11 बजे के मध्य 8927 तथा दोपहर एक से शाम पांच बजे के मध्य 8753 भक्तों ने दर्शन किये। इससे पूर्व 22 नवंबर को 27365 भक्तों ने रामलला के दर्शन किये थे, जबकि कार्तिक पूर्णिमा के अवसर पर 23 नवंबर को 49112 भक्तों ने दर्शन किये थे। कार्तिक पूर्णिमा के बाद ही अयोध्या में पुलिस गश्त बढ़ा दी गई थी। अधिक संख्या में पुलिस की तैनाती और आवाजाही की सख्ती के चलते शनिवार भक्तों की कतार कम रही।
शिवसेना समर्थकों को लेकर स्पेशल ट्रेन रवाना
मुंबई से शिवसेना समर्थकों को लेकर आई दूसरी स्पेशल ट्रेन भी रवाना हो गई है। रविवार की शाम कड़ी सुरक्षा के बीच अयोध्या रेलवे स्टेशन से ट्रेन का प्रस्थान मुंबई के लिए हुआ। करीब दो हजार शिवसेना समर्थकों को लेकर एक ट्रेन शनिवार की देर रात रवाना हो चुकी है। शिवसैनिक चार हजार की संख्या में दो स्पेशल ट्रेनों से अयोध्या पहुंचे थे।