अयोध्या के कलाकार केन्या में करेंगे रामलीला
स्थानीय कलाकार केन्या की राजधानी नैरोबी में रामलीला की प्रस्तुति देंगे। मौका नैरोबी के पार्कलैंड स्थित राम मंदिर के शताब्दी महोत्सव का होगा। अयोध्या के कलाकारों की प्रस्तुति इस उत्सव के मुख्य आकर्षण के तौर पर संयोजित है। नौ दिवसीय रामलीला की शुरुआत चार अप्रैल को नारद मोह एवं रावण जन्म के प्रसंग की प्रस्तुति से होगी। संपूर्ण रामकथा की प्रस्तुति के साथ नौ दिवसीय रामलीला का समापन 12 अप्रैल को रावण वध एवं राम
अयोध्या : स्थानीय कलाकार केन्या की राजधानी नैरोबी में रामलीला की प्रस्तुति देंगे। मौका, नैरोबी के पार्कलैंड स्थित राममंदिर के शताब्दी महोत्सव का होगा। अयोध्या के कलाकारों की प्रस्तुति उत्सव के मुख्य आकर्षण के तौर पर संयोजित है। नौ दिवसीय रामलीला की शुरुआत चार अप्रैल को नारद मोह एवं रावण जन्म के प्रसंग की प्रस्तुति से होगी। संपूर्ण रामकथा की प्रस्तुति के साथ नौ दिवसीय रामलीला का समापन 12 अप्रैल को रावण वध एवं राम राज्याभिषेक की प्रस्तुति से होगा। प्रस्तुति के लिए 15 सदस्यीय कलाकारों का दल 30 मार्च को महंत मनीषदास के नेतृत्व में रवाना होगा। कलाकारों का दल पहले दिल्ली पहुंचेगा। इसके बाद एक अप्रैल को नैरोबी के लिए उड़ान भरेगा।
मनीषदास के नेतृत्व वाला कलाकारों का दल अवध आदर्श रामलीला मंडल के नाम से जाना जाता है और रामलीला मंचन के क्षितिज पर प्रतिष्ठापित है। डेढ़ वर्ष पूर्व चिरनिद्रा में लीन मंडल के मुख्य शिल्पी महंत जयरामदास को रामनगरी में नाट्य का पितामह माना जाता है। उनके नेतृत्व में अवध आदर्श मंडल के कलाकारों की पहचान न केवल देशव्यापी बनी, बल्कि 2012 में इस दल ने थाईलैंड, त्रिनीडॉड आदि देशों में अपनी चमक बिखेरी। तब की विदेश यात्रा अयोध्या शोध संस्थान के संयोजन में थी। इस बार नैरोबी में प्रस्तुति के लिए यह दल हिदू काउंसिल ऑफ केन्या के सीधे आमंत्रण पर जा रहा है। गत दशक तक विदेश में रामलीला की प्रस्तुति दूर की कौड़ी मानी जाती थी पर हाल के वर्षों में तस्वीर बदली है और अयोध्या शोध संस्थान के प्रयासों से थाईलैंड, इंडोनेशिया, कंबोडिया, श्रीलंका, नेपाल, त्रिनीडॉड, दक्षिण कोरिया आदि करीब दर्जन भर देशों के कलाकारों ने रामनगरी में और यहां के कलाकारों ने उन देशों में प्रस्तुति से रामलीला की वैश्विकता परिभाषित की है।