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रामनगरी में बिखरा राम जन्मोत्सव का उल्लास, मंदिरों में आस्था की इंद्रधनुषी छटा

रामानंदीय परंपरा के अनुगामी संतों ने उदया तिथि में चैत्र शुक्ल नवमी तिथि के हिसाब से रविवार को राम जन्मोत्सव मनाया।

By Umesh TiwariEdited By: Published: Sun, 14 Apr 2019 09:58 PM (IST)Updated: Sun, 14 Apr 2019 10:09 PM (IST)
रामनगरी में बिखरा राम जन्मोत्सव का उल्लास, मंदिरों में आस्था की इंद्रधनुषी छटा
रामनगरी में बिखरा राम जन्मोत्सव का उल्लास, मंदिरों में आस्था की इंद्रधनुषी छटा

अयोध्या [रघुवरशरण]। लगातार दूसरे दिन भी रामनगरी रामजन्मोत्सव के उल्लास से सराबोर हुई। रामानंदीय परंपरा के अनुगामी संतों ने उदया तिथि में चैत्र शुक्ल नवमी तिथि के हिसाब से रविवार को राम जन्मोत्सव मनाया। रामानंदीय संतों की शीर्ष पीठ मणिरामदासजी की छावनी में प्रात: काल से ही जन्मोत्सव की रौनक बिखरी। एक ओर गर्भगृह में मंदिर में स्थापित आराध्य का भांति-भांति के द्रव्यों से पूजन अभिषेक शुरू हुआ। दूसरी ओर आराध्य के दरबार में छावनी के महंत एवं वैष्णव उपासना धारा के दिग्गज संत महंत नृत्यगोपालदास एवं उनके उत्तराधिकारी महंत कमलनयनदास सहित संतों की पांत प्रतिष्ठापित हुई।

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शीघ्र ही छावनी के आराध्य जानकी रमण का दरबार सांस्कृतिक प्रस्तुतियों से सज्जित हुआ। स्थापित गायकों की टोली ने भांति-भांति के भजन प्रस्तुत कर आराध्य के साथ श्रद्धालुओं को विभोर किया। आराध्य के प्रति आस्था निवेदित करने के साथ महंत नृत्यगोपालदास का आशीर्वाद लेने वालों की होड़ रही। कुछ ऐसा ही मंजर एक अन्य शीर्ष पीठ रामवल्लभाकुंज में भी दिखा। रामवल्लभाकुंज के महंत रामशंकरदास वेदांती एवं अधिकारी राजकुमारदास के संयोजन में राम जन्मोत्सव का वैभव बयां हुआ। उत्साही भक्तों ने भांति-भांति के बधाई गीत एवं नृत्य के साथ आराध्य से एकात्मता स्थापित की। इस मौके पर शीर्ष रामकथा मर्मज्ञ प्रेमभूषण सहित बड़ी संख्या में विशिष्ट जन एवं श्रद्धालु मौजूद रहे। हनुमानबाग भी राम जन्मोत्सव से गुलजार हुआ।

महंत जगदीशदास के संयोजन में भगवान राम के साथ उनके परम भक्त हनुमानजी का विधि-विधान से पूजन किए जाने के साथ भजन-कीर्तन की महफिल भी सजी। रसिक उपासना परंपरा की शीर्ष पीठ लक्ष्मणकिला में मधुर उपासना परंपरा की विरासत के अनुरूप बधाई गान के गगनचुंबी उल्लास के बीच राम जन्मोत्सव मनाया गया। उत्सव का संयोजन लक्ष्मणकिलाधीश महंत मैथिलीरमणशरण, आचार्य मिथिलेशनंदिनीशरण एवं मधुकरी संत मिथिलाबिहारीदास ने किया। हरिधाम में पीठाधिपति जगद्गुरु रामानंदाचार्य ने राम जन्मोत्सव का संयोजन किया। उन्होंने कहा, जीवन में राम का शील, शौर्य, करुणा प्रवाहित हो, यही राम जन्मोत्सव की तात्विकता है। अशर्फीभवन में राम जन्मोत्सव के दौरान पीठाधिपति जगदगुरु स्वामी श्रीधराचार्य के निर्देशन में वैदिक विधि-विधान से पूजन किया गया। इस दौरान भक्तों का तांता लगा रहा।

आचार्य पीठ तिवारी मंदिर में भी जन्मोत्सव का उल्लास बिखरा। महंत गिरीशपति त्रिपाठी ने प्रसाद वितरण के साथ श्रद्धालुओं को राम जन्मोत्सव की बधाई दी। बिड़ला मंदिर में भी राम जन्मोत्सव का उल्लास बिखरा। उत्सव का संयोजन मंदिर के प्रबंधक पवन ङ्क्षसह एवं अर्चक अंकुश झा ने किया। इस मौके पर भवदीय एजूकेशनल ग्रुप के सचिव डॉ. अवधेश वर्मा सहित बड़ी संख्या में श्रद्धालु मौजूद रहे। वशिष्ठभवन में डॉ. राघवेशदास के संयोजन में राम जन्मोत्सव की छटा बिखरी। उत्सव का समापन वृहद भंडारा से हुआ। रामनगरी में मां जानकी के नाम से स्थापित जानकीमहल में भी रामजन्मोत्सव का भव्य मुजाहिरा हुआ। जन्म की रस्म, बधाई गान की शानदार प्रस्तुति एवं भंडारा से जानकीमहल के राम जन्मोत्सव की भव्यता बयां हुई। मधुर उपासना से जुड़ी एक अन्य पीठ रसमोदकुंज में भी रविवार को राम जन्मोत्सव की छटा बिखरी।

नाका हनुमानगढ़ी में बिखरी जन्मोत्सव की छटा-नाका हनुमानगढ़ी परिसर में भगवान राम एवं हनुमानजी के साथ मंदिर परिसर में स्थापित सभी देव विग्रहों का राम जन्मोत्सव के उपलक्ष्य में भांति-भांति के द्रव्यों से अभिषेक किया गया। हनुमानजी को नया चोला धारण कराया गया। भगवान राम, मां सीता के साथ हनुमानजी को नई पोशाक पहनाई गई और स्वर्ण-रजत आभूषणों से श्रृंगार किया गया। मध्याह्न सवा ङ्क्षक्वटल पंजीरी, फल एवं पंचामृत का भोग लगाकर भक्तों में वितरित किया गया।


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