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Ayodhya News: श्रीरामजन्मभूमि ट्रस्ट के नाम पर चल रही फर्जी वेबसाइट का खुलासा, बिहार से हो रही थी आपरेट, जानें पूरा मामला

वेबसाइट पर दिए गए बैंक के खाते में लोगों ने राममंदिर के लिए समर्पण निधि के रूप में रुपये भेजना आरंभ कर दिया। छह अगस्त से 14 सितंबर के बीच एक लाख 32 हजार रुपये ठग के खाते में पहुंच चुके थे।

By Ravi SrivastavaEdited By: Shivam YadavPublished: Sat, 24 Sep 2022 12:08 AM (IST)Updated: Sat, 24 Sep 2022 05:37 AM (IST)
Ayodhya News: श्रीरामजन्मभूमि ट्रस्ट के नाम पर चल रही फर्जी वेबसाइट का खुलासा, बिहार से हो रही थी आपरेट, जानें पूरा मामला
पुलिस ने फर्जी वेबसाइट बनाने वाले युवक रविरंजन उर्फ मुकुल कुमार को गिरफ्तार कर लिया है।

अयोध्या, जागरण संवाददाता। श्रीरामजन्मभूमि तीर्थक्षेत्र ट्रस्ट के नाम से फर्जी वेबसाइट का संचालन बिहार से किया जा रहा था। ट्रस्ट की अधिकृत वेबसाइट से ही लोगो व अन्य चिह्न की नकल करके युवक ने फर्जी वेबसाइट का निर्माण किया और धोखाधड़ी कर एक लाख 32 हजार रुपये अर्जित किए। अयोध्या परिक्षेत्र की साइबर क्राइम पुलिस की पड़ताल में यह चौंकाने वाली सच्चाई सामने आई है। एक वर्ष बाद इस प्रकरण का अनावरण हुआ है। 

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पुलिस ने फर्जी वेबसाइट बनाने वाले युवक रविरंजन उर्फ मुकुल कुमार को गिरफ्तार कर लिया है। अभियुक्त बिहार के जिला शेखपुरा अंतर्गत पांची सेखोपुर का रहने वाला है। स्नातक की शिक्षा प्राप्त कर चुके रविरंजन ने छह अगस्त 2021 को श्रीरामजन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के नाम से फर्जी वेबसाइट का निर्माण किया था।

महासचिव चंपतराय ने दर्ज कराई थी प्राथमिकी

वेबसाइट पर दिए गए बैंक के खाते में लोगों ने राममंदिर के लिए समर्पण निधि के रूप में रुपये भेजना आरंभ कर दिया। छह अगस्त से 14 सितंबर के बीच एक लाख 32 हजार रुपये ठग के खाते में पहुंच चुके थे। ट्रस्ट के नाम पर चल रही इस धोखाधड़ी की जानकारी होने पर महासचिव चंपतराय ने थाना रामजन्मभूमि में प्राथमिकी दर्ज कराई। 

बाद में यह मुकदमा थाना साइबर क्राइम को स्थानांतरित कर दिया गया। निरीक्षक कमलापति यादव ने बताया कि तकनीकी साक्ष्यों के आधार पर कार्रवाई करते हुए रविरंजन की गिरफ्तारी की गई है। धनराशि, जिस खाते में जमा की गई थी वह भी शेखपुरा में है। 

उक्त खाते से अभियुक्त ने ठगी की सभी रकम निकाल ली है, अब खाते में सिर्फ 59 रुपये शेष हैं। प्राथमिकी दर्ज होने के बाद ही इस फर्जी वेबसाइट को बंद करा दिया गया था।


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