छह घंटे तक बंदियों की अराजकता से सहमी रही अयोध्या जेल
अयोध्या : मंडल कारागार अयोध्या ने अपने इतिहास में ऐसी अराजकता नहीं देखी थी। छह घंटे तक बंदियों के उपद्रव से कारगार परिसर सहमा रहा। बंद सर्किल से हवा में उछलकर बाहर आते पत्थर और गेट पर रसोई गैस सिलेंडर को रखकर विस्फोट की धमकी कार्रवाई करने पहुंचे अधिकारियों के पैर में बेड़ी बन गए।
अयोध्या : मंडल कारागार अयोध्या ने अपने इतिहास में ऐसी अराजकता नहीं देखी थी। छह घंटे तक बंदियों के उपद्रव से कारगार परिसर सहमा रहा। बंद सर्किल से हवा में उछलकर बाहर आते पत्थर और गेट पर रसोई गैस सिलेंडर को रखकर विस्फोट की धमकी कार्रवाई करने पहुंचे अधिकारियों के पैर में बेड़ी बन गए। एक और प्रशासन वार्ता करने की कोशिश कर रहा था तो दूसरी ओर बंदी दबाव बनाने के लिए अराजकता को बढ़ाते जा रहे थे। बंदियों ने जेल में जमकर हंगामा किया। पहचान न हो सके इसके लिए जेल परिसर में लगे सीसी कैमरे भी नष्ट कर दिए गए।
जेल प्रशासन के अन्य महत्वपूर्ण सामान नष्ट कर दिए गए। यह संयोग ही रहा कि बंदियों को सर्किल गेट तक रोके रखा गया और वे जेल का फाटक नहीं तोड़ पाए। बंदी जेल जेल प्रशासन के खिलाफ नारेबाजी कर रहे। वार्ता का प्रयास रंग लाया, पुलिस के कुछ अफसर जोखिम उठाते हुए बंदियों से वार्ता के लिए सर्किल में पहुंचे और धीरे-धीरे स्थितियां सामान्य होती चली गईं। सुबह नौ बजे बंदी भोला की पिटाई के बाद चला बवाल अपराह्न दो बजे के बाद जाकर थमा।
बंधक बनाए गए घायल बंदी एंबुलेंस से अस्पताल भेजे गए। बवाल की सही वजह प्रशासन अब सामने नहीं ला रहा है। प्रथम²ष्टया माना जा रहा है कि हंगामे की जड़ में शामिल कुछ कुख्यात चेहरों ने वर्चस्व बढ़ाने के लिए ऐसी हरकत की है। शनिवार को जेल में हुए हंगामे ने पिछले साल गाजीपुर जेल में हुए बंदियों के उपद्रव की याद ताजा कर दी। निगरानी बढ़ाने पर गाजीपुर जेल में बंदियों ने ऐसा उपद्रव किया था। अयोध्या जेल में भी विवाद करने वाले बंदियों के निशाने पर जेल कर्मी और वे बंदी रहे, जो निगरानी में जेल प्रशासन का सहयोग करते हैं।