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अयोध्या के हर दीया में झिलमिलाएंगे राम, कोर्ट में सुनवाई पूरी होने से दीपोत्सव की तैयारियों में आई ऊर्जा

इस बार के दीपोत्सव में सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई पूरी होने का सुख और फैसला जल्द आने की संभावनाएं भी जुड़ी हुई हैैं जिसने अवधपुरी की हवाओं में उम्मीदें घोल दी हैैं।

By Dharmendra PandeyEdited By: Published: Fri, 18 Oct 2019 10:42 AM (IST)Updated: Fri, 18 Oct 2019 10:45 AM (IST)
अयोध्या के हर दीया में झिलमिलाएंगे राम, कोर्ट में सुनवाई पूरी होने से दीपोत्सव की तैयारियों में आई ऊर्जा
अयोध्या के हर दीया में झिलमिलाएंगे राम, कोर्ट में सुनवाई पूरी होने से दीपोत्सव की तैयारियों में आई ऊर्जा

अयोध्या [हरिशंकर मिश्र]। भगवान श्रीराम की नगरी अयोध्या में हनुमानगढ़ी से राम की पैड़ी की ओर बढ़ते समय मंदिर के लाउड स्पीकर से मानस के चौपाइयां सुनाई पड़ती हैं- 'अवधपुरी प्रभु आवत जानी। भई सकल शोभा कै खानी'। भावार्थ यह कि प्रभु के आगमन की सूचना मिलते ही अयोध्या समस्त शोभाओं की खान हो गई। दीपोत्सव की तैयारियां इस बार कुछ ऐसा ही संकेत देती हैैं। तीन साल पहले जिन स्थलों पर मुख्यमंत्री योगी ने उम्मीदों के दीप जलाए थे, वह अपने पूरे सौंदर्य के साथ इस दीपावली पर जगमगाते नजर आएंगे।

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संयोग ही है कि इस बार के दीपोत्सव में सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई पूरी होने का सुख और फैसला जल्द आने की संभावनाएं भी जुड़ी हुई हैं, जिसने अवधपुरी की हवाओं में उम्मीदें घोल दी हैं। विवाद के पक्षकारों का भरोसा सुप्रीम कोर्ट पर है, लेकिन यहां के लोगों का भरोसा अपने राम पर है और उन्हें मनाने का इनका अपना तरीका है। दो साल पहले अस्तित्व में आए अयोध्या नगर निगम में राम जन्मभूमि मंदिर क्षेत्र के पार्षद रमेश दास मिलते ही बताते हैं, 'पीपल के पेड़ के नीचे 11 दीए जलाकर आ रहा हूं। इस बार हमारे यहां दीयों का रिकार्ड बनेगा। हम साढ़े पांच लाख दीपक जलाने जा रहे हैं। चार लाख दीये तो अकेले राम की पैड़ी पर ही जलेंगे। दीपों की यह संख्या पिछली बार की तुलना में ढाई लाख ज्यादा है।

वैसे तो इस अवसर पर 11 स्थानों पर कार्यक्रमों का आयोजन किया गया है, लेकिन 26 अक्टूबर को पूरी अयोध्या पांच मुख्य स्थानों पर सिमटी नजर आएगी। राम की पैड़ी दीपोत्सव का मुख्य केंद्र है। यहां दीपक सजा रहे छात्र-छात्राओं का जमावड़ा होगा। इसके अलावा सरयू तट पर आरती, रामकथा पार्क में भगवान की अगवानी, पांच देशों की रामलीला और साकेत महाविद्यालय से शोभा यात्रा। गुरुद्वारा गोविंदधाम, नजरबाग के सेवादार नवनीत सिंह इस बारे में चर्चा करते ही जोश में आ जाते हैं,  'अयोध्या में राम ही धड़कन हैैं। यहां उनके नाम से कुछ भी होगा तो नगर उमड़ पड़ेगा।'

वस्तुत: छोटी दिवाली अवध के कायाकल्प का प्रतीक हो गई है। हाईवे से सरयू तट की ओर जाने वाली सड़क पर युद्धस्तर पर काम होता नजर आता है। काम समय से हो पाएगा, इसको लेकर मन में शंका पैदा होती है, लेकिन जेसीबी की ओर जा रहे राम अवध मानो सवाल को ताड़ जाते हैं। सवालिया आंखों को वह खुद ही जवाब दे देते हैैं, 'राम का काम है, समय से पूरा हो जाएगा।' भजन संध्या स्थल का निर्माण तो लगभग पूरा है। राम कथा पार्क को जैसे नई जिंदगी मिल गई है।

इस पार्क के समीप ही दक्षिण कोरिया की रानी हो का स्मारक है। कहते हैं कि अयोध्या की एक रानी दक्षिण कोरिया जाकर वहां की महारानी बनीं और दो हजार साल पहले वहां राज किया। उन्हीं की स्मृति में यह स्मारक है, जिसका जीर्णोद्धार योगी सरकार ने किया। अयोध्या अंतर्राष्ट्रीय स्तर के संबंधों का महत्व समझती रही है और यहां रामलीला में आ रहे इंडोनेशिया, थाइलैैंड, नेपाल, मारीशस और सूरीनाम के कलाकार इस डोर को और मजबूत करते नजर आते हैं।

लोग खुलकर भले ही न बोलें, लेकिन इसमें संशय नहीं कि सुप्रीम कोर्ट में चल रही सुनवाई ने यहां की दिवाली को इस बार नई रंगत दे दी है। भले ही सरकार परंपरागत रूप से अपने आयोजनों को अंजाम दे, लेकिन यहां झिलमिलाने वाले हर दीये में अयोध्या को अपना राम इस बार और स्पष्ट रूप से दिखाई देगा। 


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