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अयोध्या आई थीम पार्क एंड स्पा को बड़ा झटका

अयोध्या पर्यटन की ²ष्टि से रामनगरी के तिहुरा माझा में सरयू के किनारे निर्माणाधीन अयोध्या आई थीम पार्क एंड स्पा का प्रत्यावेदन जिलाधिकारी अनुज कुमार झा ने निरस्त कर दिया। शिवा कांस्ट्रक्शन को इससे बड़ा झटका लगा है। जिला पंचायत के अपर मुख्य अधिकारी ने अपनी जारी अनापत्ति (एनओसी) चार अक्टूबर 2018 को निरस्त कर दी थी। शिवा कांस्ट्रक्शन ने उसे हाईकोर्ट में चुनौती दी थी। हाईकोर्ट ने शिवा कांस्ट्रक्शन का प्रत्यावेदन जिलाधिकारी को निस्तारित करने का आदेश दिया था।

By JagranEdited By: Published: Thu, 09 Jan 2020 11:06 PM (IST)Updated: Fri, 10 Jan 2020 06:07 AM (IST)
अयोध्या आई थीम पार्क एंड स्पा को बड़ा झटका
अयोध्या आई थीम पार्क एंड स्पा को बड़ा झटका

अयोध्या: पर्यटन की ²ष्टि से रामनगरी के तिहुरा माझा में सरयू के किनारे निर्माणाधीन अयोध्या आई थीम पार्क एंड स्पा का प्रत्यावेदन जिलाधिकारी अनुज कुमार झा ने निरस्त कर दिया। शिवा कांस्ट्रक्शन को इससे बड़ा झटका लगा है। जिला पंचायत के अपर मुख्य अधिकारी ने अपनी जारी अनापत्ति (एनओसी) चार अक्टूबर 2018 को निरस्त कर दी थी। शिवा कांस्ट्रक्शन ने उसे हाईकोर्ट में चुनौती दी थी। हाईकोर्ट ने शिवा कांस्ट्रक्शन का प्रत्यावेदन जिलाधिकारी को निस्तारित करने का आदेश दिया था। थीम पार्क निर्माण के लिए 21 फरवरी 2018 को लखनऊ में इंवेस्टर्स मीट में एमओयू पर शिवा कांस्ट्रक्शन, निराला नगर की प्रोपराइटर माधुरी सिंह ने हस्ताक्षर किये थे। प्रोजेक्ट के लिए अनापत्ति का मामला ऐसा उलझा कि पूरे प्रोजेक्ट पर ग्रहण लग गया। वे कर्मचारी भी कार्रवाई के घेरे में आ गए जिन्होंने गाटा संख्या एक व दो (मि.) से लगभग 36 बीघा से ज्यादा शिवा कांस्ट्रक्शन को कब्जा करा दिया। इन सबके खिलाफ कार्रवाईए एसडीएम सदर करेंगे। खान अधिकारी की आख्या दिनांक तीन दिसंबर 2019 के आधार पर थीम पार्क में निर्मित झील के नाम पर 5193.75 घन मीटर अवैध खनन के लिए एक करोड़ 99 लाख रुपये की राजस्व क्षति के बारे में अग्रेतर कार्रवाई के लिए निर्देशित किया गया है। क्षेत्रीय उप्र प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड को अनियमित निर्माण से पर्यावरणीय क्षति का आकलन कर कार्रवाई का निर्देश भी दिया गया है।

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शिवा कांस्ट्रक्शन के प्रवक्ता बोले-

शिवा कांस्ट्रक्शन कंपनी के प्रवक्ता शुभम श्रीवास्तव ने कहा जमीन पर अवैध कब्जा नहीं है। ऐसा लगता है तो पैमाइश करा ली जाए। प्रकरण हाईकोर्ट में लंबित व शासन के अधिकारियों के संज्ञान में है। कुछ अधिकारियों की शिकायत शपथपत्र व सीडी के साथ शासन में की थी। गृह सचिव ने जिलाधिकारी को एक सप्ताह में जांच रिपोर्ट देने को कहा है, वह लंबित है। अवैध खनन के बारे में कोई नोटिस नहीं दी गई। पहले वाली नोटिस का जवाब दिया गया है। माइनिग प्लान की मंजूरी के बाद मानव निर्मित झील के लिए बालू खनन कराया गया। 25 लाख रुपये रॉयल्टी जमा करायी है। प्रत्यावेदन निस्तारण की प्रति मिलने के बाद ही जवाब देना संभव होगा।


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