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देख लो साकेत नगरी है यही स्वर्ग से मिलने गगन में जा रही

अयोध्या : भगवान राम की जन्मभूमि एवं लीलाभूमि अयोध्या यदि रामराज्य के वैभव के केंद्र में रही, तो

By JagranEdited By: Published: Sun, 04 Nov 2018 11:54 PM (IST)Updated: Sun, 04 Nov 2018 11:54 PM (IST)
देख लो साकेत नगरी है यही स्वर्ग से मिलने गगन में जा रही
देख लो साकेत नगरी है यही स्वर्ग से मिलने गगन में जा रही

अयोध्या : भगवान राम की जन्मभूमि एवं लीलाभूमि अयोध्या यदि रामराज्य के वैभव के केंद्र में रही, तो उसके हिस्से शोक-संताप भी कम नहीं रहा है। त्रेता में भार्या सीता एवं भाई लक्ष्मण सहित भगवान राम के वनगमन और शताब्दियों से अपनी जन्मभूमि से वंचित रामलला की उदासीनता से जुड़ी विडंबना की तासीर अभी भी महसूस की जा सकती है। रविवार का दिन विडंबना के इस एहसास को उत्सव-उल्लास रंग से आच्छादित करने के नाम रहा, जब अपराह्न रामकीपैड़ी परिसर में तीन दिवसीय दीपोत्सव का आगाज स्वरूप प्रतियोगिता के साथ हुआ। पैड़ी परिसर के मंच पर एक साथ भगवान राम एवं सीता के इक्का-दुक्का स्वरूप ही नहीं बल्कि पूरे 25 जोड़े प्रस्तुत हुए। बला की संजीदगी, साज-सज्जा और भगवान राम एवं सीता की हू-ब-हू छवि के साथ। ..तो उनकी पात्रता परखने वाले निर्णायक भी कम नहीं थे। उन्होंने घंटों तक न केवल साज-सज्जा, रंग-रूप, कद-काठी की बारीकी से पड़ताल की बल्कि उन भाव-भंगिमाओं पर भी गौर किया, जो राम जैसा तप-तेज और पौरुष-पराक्रम तथा सीता जैसी करुणा-विनम्रता और शील-संकोच बयां करने वाले हों। मंच पर करीब घंटे भर तक विभिन्न मुद्राओं में स्वरूपों को परखने के बाद निर्णायकों ने निर्णय किया और उन पांच जोड़ों को चयनित किया, जो मंगलवार को ऐन दीपोत्सव के दिन भगवान राम एवं सीता के विभिन्न प्रसंगों को जीवंत करेंगे। हालांकि निर्णायकों ने चयनित जोड़ों के नाम मंगलवार को उजागर करने का एलान किया। यह मंजर उस निष्ठा को बयां करने वाला बना, जिससे अनुप्राणित हो अयोध्या को उसकी जड़ों से अभिषिक्त करने की तैयारी चल रही है। इस मौके पर अपर मुख्य सचिव अवनीश अवस्थी, महापौर ऋषिकेश उपाध्याय, विधायक वेदप्रकाश गुप्त, जिलाधिकारी डॉ. अनिलकुमार, आंजन य सेवा संस्थान के अध्यक्ष महंत शशिकांतदास आदि सहित बड़ी संख्या में जनप्रतिनिधि, प्रशासनिक अधिकारी एवं सांस्कृतिक-धार्मिक जगत से जुड़े लोगों की मौजूदगी पुण्यसलिला सरयू के तट को यादगार बना रही थी।

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दीप प्रज्ज्वलन की तैयारियों को अंतिम स्पर्श

- त्रेतायुगीन विरासत से जुड़ने की प्रतिबद्धता स्वरूप प्रतियोगिता से पूर्व दीप प्रज्ज्वलन की तैयारियों के अंतिम स्पर्श से भी प्रतिपादित हुई। इस बार दीपोत्सव में विश्व कीर्तिमान भंग करने से करीब दो गुने यानी तीन लाख 35 हजार दीप जलाए जाने हैं। जाहिर है कि इतने विशद आयोजन को आकार देने में भी व्यापक संसाधन और प्रबल सजगता की जरूरत होगी। इस इवेंट के सूत्रधार प्रो. मनोज दीक्षित किसी गफलत में भी नहीं हैं। उनके मार्गदर्शन में करीब माह भर से तैयारियां चल रही हैं और रविवार को यह तैयारी एनसीसी, एनएसएस आदि प्रकल्पों से जुड़े पांच हजार छात्र-छात्राओं और शिक्षकों की बड़ी पांत के साथ रामकीपैड़ी परिसर में अपनी तैयारियों को निर्णायक तौर पर परीक्षित कर रही थी। तय योजना के हिसाब से लक्ष्मणघाट पर 40 हजार, वैदेहीघाट पर 20 हजार, श्रीरामघाट पर 30 हजार, दशरथघाट पर 40 हजार, भरतघाट पर 18 हजार, शत्रुघ्नघाट पर 17 हजार, मांडवीघाट पर 34 हजार, श्रुतिकीर्तिघाट पर 30 हजार, कैकेयीघाट पर 20 हजार, कौशल्याघाट पर 50 हजार, सुमित्राघाट एवं उर्मिलाघाट पर 18-18 हजार दीये जलाए जाने हैं। दीप प्रज्ज्वलन के संयोजन में अविवि के कुलपति प्रो. मनोज दीक्षित, सीनियर प्रोफेसर चयनकुमार मिश्र, साकेत महाविद्यालय के प्राचार्य डॉ. अजयमोहन श्रीवास्तव, इसी महाविद्यालय में इतिहास विभागाध्यक्ष डॉ. महेंद्र पाठक, छात्र कल्याण अधिष्ठा डॉ. बीडी द्विवेदी, डॉ. अशोक मिश्र, विश्वविद्यालय कार्यपरिषद के सदस्य ओमप्रकाश ¨सह, कुलपति के निजी सचिव आशीष मिश्र, युवा समाजसेवी हिमांशु मिश्र, राघवेंद्र अवस्थी आदि की मौजूदगी बती रही थी कि जड़ों से जुड़ने की ललक बौद्धिक-सांस्कृतिक प्रतिबद्धता और युवा ऊर्जा से ओत-प्रोत है।

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10 ट्रक बालू के कैनवॉस पर सुदर्शन भी रोशन कर रहे दीपोत्सव

दीपोत्सव अंतर्राष्ट्रीय ख्याति के कलाकार सुदर्शन पटनायक से भी रोशन होने लगा है। पटनायक ने अंतर्राष्ट्रीय रामकथा संग्रहालय परिसर में अपराह्न बालू की मोटी सतह पर भगवान राम की आकृति उकेरने का अभियान शुरू किया। 10 चार ट्रक बालू के कैनवॉस पर आकार ले रही उनकी कला दीपोत्सव के स्वतंत्र आयाम के तौर पर परिभाषित हो रही है। समझा जाता है कि सोमवार से ही उनकी कृति का आकार स्पष्ट होने लगेगा पर उसे पूर्णता ऐन दीपोत्सव के दिन मिलेगी और उनकी कृति का आस्वाद लेने वालों में दीपोत्सव की मुख्य अतिथि दक्षिण कोरियाई राष्ट्रपति की पत्नी किम जोंग सुक एवं मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ भी होंगे।

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दर्शकों के लिए लगेंगी चार हजार कुर्सियां

- मंगलवार को स्वरूप प्रतियोगिता के साथ तीन दिवसीय दीपोत्सव का आगाज तो हो गया पर तैयारियां परवान चढ़ती रहीं। पैड़ी परिसर में दीपोत्सव के अहम घटक के तौर पर भगवान राम की 25 फीट एवं हनुमान जी की 16 फीट ऊंची प्रतिमा आकर्षण चुरा रही है। पैड़ी का अधिकांश हिस्सा सज्जित हो उठा है पर कुछ हिस्सों के सुंदरीकरण का काम अभी भी जारी है। अपर मुख्य सचिव अवनीश अवस्थी, महापौर ऋषिकेश उपाध्याय एवं जिलाधिकारी डॉ. अनिलकुमार के साथ भाजपाइयों के प्रतिनिधि मंडल ने पैड़ी परिसर का जायजा लिया। भाजपा की प्रदेशीय समिति के सदस्य अभिषेक मिश्र ने अपर मुख्य सचिव से दर्शकों के बैठने के लिए चार हजार कुर्सियों की व्यवस्था करने का सुझाव दिया और सचिव ने इस पर अमल का आदेश भी तत्काल जारी किया। प्रतिनिधि मंडल में पार्षद रमेशदास, जिला भाजपाध्यक्ष अवधेश पांडेय बादल, महानगर महामंत्री परमानंद मिश्र, मायाराम वर्मा आदि शामिल रहे।


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