..बोलत मौला अली, बजरंग बली बजरंग बली
फैजाबाद : डॉ. राममनोहर लोहिया अवध विश्वविद्यालय के 23वें दीक्षांत समारोह के उपलक्ष्य में स्वामी
फैजाबाद : डॉ. राममनोहर लोहिया अवध विश्वविद्यालय के 23वें दीक्षांत समारोह के उपलक्ष्य में स्वामी विवेकानंद सभागार में कवि सम्मेलन आयोजित हुआ। कवि सम्मेलन की शुरुआत मानसी द्विवेदी ने मां सरस्वती वंदना से की। कवि वाहिद अली वाहिद ने'मियां वाहिद बोलत मौला अली, बजरंगबली बजरंगबली..' सुनाकर खूब वाहवाही लूटी। अटलबिहारी वाजपेयी को याद करते हुए 13 फंस गया अटलजी के फेर में.. कविता की प्रस्तुति की। वर्तमान राजनीति पर कटाक्ष करते हुए वाहिद अली ने 'अच्छे दिन का ये मतलब है. चेहरों पर मुस्कान रहे..'सुनाकर श्रोताओं को मंत्रमुग्ध कर दिया।
मानसी द्विवेदी ने'दिल के बहलाने का सामान ना समझा जाये.. मुझको इतना भी आसान ना समझा जाये..' व 'मैं कुसुम हूं गुलाब के कांटो पे खिली हूं..सुनाकर बेटी बचाओ और महिलाओं के सम्मान की बात की। हास्य व्यंग्य कवि सुनील कुमार 'तंग' ने 'वफादारी करने में अदाकारी नहीं करता..' सुनाकर श्रोताओं को लोटपोट कर दिया। कलीम कैसर ने गजल 'अपना ये द्वारोद्वार नहीं लगता. घर को देखूं तो घर नही लगता.. सुनाया। कवि सम्मेलन में निर्मल दर्शन, प्रमोद कुमार 'कुश', अशोक टाटंबरी ने अपनी रचनाएं सुनाई।
इससे पूर्व उद्घाटन मुख्य अतिथि कुलपति आचार्य मनोज दीक्षित व विशिष्ट अतिथि भारतीय शिक्षण मंडल के संगठन मंत्री मुकुल कानिटकर ने किया। कुलपति के एक वर्ष में किए कार्यों को 'एक साल बेमिसाल' चार मिनट के डॉक्यूमेंट्री फिल्म के माध्यम से दिखाया गया। गजल गायिका बेगम अख्तर पर बन रही फिल्म का प्रोमो दिखाया। कार्यक्रम में बेगम अख्तर की याद में कैंडल जलाया गया। कार्यक्रम में कुलसचिव प्रो. एसएन शुक्ल, डॉ. हेमलता शुक्ला, कुलानुशासक प्रो. आरएन राय, प्रो. आशुतोष सिन्हा, प्रो. एमपी ¨सह, प्रो. रमापति मिश्र, प्रो. अशोक शुक्ल, प्रो. हिमांशुशेखर ¨सह, डॉ. शैलेंद्र वर्मा, डॉ. आरके ¨सह, डॉ. विनोद कुमार श्रीवास्तव, आरके ¨सह, डॉ. अनिल यादव, वंदिता पांडेय, सुधीर श्रीवास्तव, अवधेश यादव आदि मौजूद रहे।