रामनगरी में जम कर बरसी आस्था की घटा
अयोध्या : सावन शुक्ल तृतीया के मौके पर आसमान में छाई घटा के साथ आस्था की घटा जम कर बरस
अयोध्या : सावन शुक्ल तृतीया के मौके पर आसमान में छाई घटा के साथ आस्था की घटा जम कर बरसी। प्रतिवर्ष की तरह इस वर्ष भी दर्जनों मंदिरों से पालकी पर भगवान राम एवं मां सीता के युगल विग्रह की झांकी सजा कर शोभायात्रा निकाली गई। शोभायात्रा का गंतव्य मणिपर्वत था। जहां पहुंचकर आराध्य विग्रह सहित आराध्य के स्वरूपों को पेड़ की शाखाओं पर ¨हडोरा डाल झुलाया गया। कनकभवन में चांदी की पालकी पर निकले आराध्य की छवि निहारने के लिए श्रद्धालुओं में होड़ रही। मणिरामदास जी की छावनी, दशरथमहल बड़ास्थान, रामवल्लभाकुंज, रामकचहरी आदि मंदिरों की शोभायात्रा समां बांधने वाली रही। रामवल्लभाकुंज से निकली शोभायात्रा की अगुवाई मंदिर के अधिकारी राजकुमारदास, नाका हनुमानगढ़ी के महंत रामदास, डांड़िया मंदिर के महंत गिरीशदास, पत्थर मंदिर के महंत मनीषदास आदि ने की, तो दशरथमहल से ¨वदुगाद्याचार्य महंत देवेंद्रप्रसादाचार्य एवं उनके कृपापात्र रामभूषणदास कृपालु के संयोजन में शोभायात्रा निकली। रामकचहरी से निकली शोभायात्रा का संयोजन आंजनेय सेवा संस्थान के अध्यक्ष महंत शशिकांतदास एवं महंत बैजूदास ने किया। मान्यता है कि मणिपर्वत त्रेतायुगीन वह स्थल है, जहां मां सीता के साथ जनकपुर से दहेज में आई मणियों को रखा गया था और भगवान राम एवं सीता प्राकृतिक सुषमा से युक्त इस स्थल पर प्रत्येक पावस के मौसम में आमोद-प्रमोद के लिए आया करते थे। मणिपर्वत की शोभायात्रा के बाद से ही रामनगरी में 13 दिवसीय झूलनोत्सव की शुरुआत होती है।