शिवसेना के सभी सांसदों संग रामलला का दर्शन कर उद्धव ने दोहराया 'पहले मंदिर फिर सरकार' Ayodhya News
पार्टी के नवनिर्वाचित सभी 18 सांसदों एवं पुत्र आदित्य ठाकरे के साथ रामलला का दर्शन कर शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे राममंदिर निर्माण के आग्रह पर शान चढ़ा गए।
अयोध्या [रघुवरशरण]। पार्टी के नवनिर्वाचित सभी 18 सांसदों एवं पुत्र आदित्य ठाकरे के साथ रामलला का दर्शन कर शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे राममंदिर निर्माण के आग्रह पर शान चढ़ा गए। वह पिछले वर्ष 25 नवंबर को भी रामलला का दर्शन करने आए थे और उसी समय यह स्पष्ट कर गए थे कि मंदिर निर्माण को लेकर भाजपा भले गाफिल हो पर वह पूरी तरह से प्रतिबद्ध हैं। केंद्र में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की नई पारी के साथ उद्धव ने इस प्रतिबद्धता का नए सिरे से इजहार किया।
रामलला का दर्शन करने के बाद मीडिया से मुखातिब शिवसेना प्रमुख ने अपनी पहली अयोध्या यात्रा के समय दिए गए 'पहले मंदिर फिर सरकार' का नारा दोहराया। इस नारे को उद्धव के अयोध्या आगमन की टाइमिंग से भी धार मिली। शिवसेना प्रमुख यदि रविवार को रामलला की चौखट पर मंदिर निर्माण की कसम खा रहे थे, तो शनिवार को रामजन्मभूमि न्यास के अध्यक्ष महंत नृत्यगोपालदास के जन्मोत्सव के अवसर पर मंदिर निर्माण के प्रति संतों की भी बेकरारी बयां हो रही थी। उद्धव और उनकी टीम ने संतों की ही तरह मंदिर निर्माण की गेंद बड़ी सफाई से प्रधानमंत्री के पाले में सरकाई। यह कहकर कि हाल के लोकसभा चुनाव में जनता ने जो बहुमत दिया है, वह मंदिर निर्माण के लिए है और इस सच्चाई को प्रधानमंत्री भी बखूबी समझ रहे होंगे।
संतों की तरह उन्होंने भी मंदिर के लिए मोदी सरकार पर सीधा दबाव बनाने की बजाय उसके प्रति विश्वास व्यक्त किया। कहा कि मोदी में हिम्मत है और हम कहते हैं कि मंदिर के लिए आर्डिनेंस लाओ। विहिप के प्रांतीय प्रवक्ता शरद शर्मा शिवसेना प्रमुख के रुख को स्वागत योग्य ठहराते हैं। कहते हैं कि मंदिर निर्माण के प्रति प्रधानमंत्री और उनकी सरकार की स्वाभाविक जिम्मेदारी बनती है और इस जिम्मेदारी की याद दिलाना प्रत्येक रामभक्त का कर्तव्य है।
पार्टी के स्थानीय इकाई में उल्लास का संचार
मुख्यत: महाराष्ट्र में केंद्रित शिवसेना प्रमुख की यात्रा से पार्टी की स्थानीय इकाई का बहुत लेना-देना नहीं था पर पार्टी प्रमुख राममंदिर के लिए रामलला की चौखट पर दस्तक दें और स्थानीय शिव सैनिक पीछे रह जाएं, यह संभव नहीं था। इसी तर्ज पर रामलला के दर्शन मार्ग पर बढ़ने से पूर्व शिवसेना के प्रदेश अध्यक्ष अनिल सिंह, उपाध्यक्ष अभय दुबे, महासचिव अनिरुद्धदेव त्रिपाठी, नगर अध्यक्ष रजत पांडेय, संत सेना के जिलाध्यक्ष ङ्क्षरकूदास आदि ने पार्टी प्रमुख का ढोल-नगाड़ा के साथ स्वागत किया और उन्हें 51 किलो की माला पहनाई। रजत पांडेय ने कहा, मंदिर निर्माण दूर की कौड़ी नहीं रह गई है और ऐसा संभव होने पर शिवसेना की भूमिका स्वर्णाक्षरों में दर्ज होगी।
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