विद्यालयों की मान्यता में मानकों की अनदेखी में फंसे एडी व बीएसए
वर्ष 2016-17 व 2017-18 के 384 विद्यालयों की मान्यता की जांच पूरी
अयोध्या: बेसिक शिक्षा विभाग में प्राथमिक व जूनियर विद्यालयों की मान्यता देने में मानकों की अनदेखी की जांच पूरी हो गई। जांच रिपोर्ट शासन भेजे जाने की तैयारी है। मुख्य विकास अधिकारी प्रथमेश कुमार के अनुसार जांच में विद्यालयों की मान्यता में मानकों की अनदेखी की शिकायत प्रमाणित हुई है। मान्यता प्रक्रिया में शामिल एडी बेसिक रवींद्र सिंह, तत्कालीन बीएसए अमिता सिंह व सभी 11 ब्लॉकों के एबीएसए के खिलाफ प्रमाणित शिकायत की रिपोर्ट शासन भेज रहे हैं। वित्तीय वर्ष 2016-17 व 2017-18 के 384 विद्यालयों की मान्यता की जांच की गई।
चर्चा है कि इसी जांच की चपेट में आने से एडी बेसिक का तबादला उप प्रधानाचार्य डायट जालौन के पद पर हो गया। एडी बेसिक की अपेक्षा उप प्रधानाचार्य डायट का पद कम महत्व का माना जाता है। डायट-अंबेडकरनगर के प्रधानाचार्य को उनके स्थान पर शासन ने भेजा है। एडी बेसिक मान्यता देने की मंडलीय कमेटी के अध्यक्ष होते हैं। जूनियर हाई स्कूल तक विद्यालयों की मान्यता का अनुमोदन मंडलीय कमेटी करती है। प्राइमरी विद्यालयों की मान्यता बीएसए की अध्यक्षता वाली जिला कमेटी करती है। ये दोनों अधिकारी विद्यालयों की मान्यता देने में मानकों की अनदेखी के घेरे में हैं।
विद्यालयों की मान्यता में मानकों की अनदेखी की शिकायत करीब 11 महीने पहले विष्णुप्रताप सिंह ने की थी। जिलाधिकारी अनुज कुमार झा ने मुख्य विकास अधिकारी की अध्यक्षता में जांच कमेटी गठित की। जांच कमेटी में एडीएम सिटी डॉ. वैभव शर्मा व जिला विकास अधिकारी हवलदार सिंह शामिल रहे। पहले इस कमेटी ने 81 विद्यालयों के मान्यता की जांच की। जांच में शिकायत प्रमाणित होने पर जिलाधिकारी ने जांच रिपोर्ट शासन को भेज विस्तृत जांच की संस्तुति की। इसी के साथ 81 विद्यालयों की पत्रावलियों में छेड़छाड़ न होने पाए इसलिए उन्हें कोषागार के डबल लॉक में जमा करा दिया। शासन ने जिलाधिकारी की संस्तुति के बाद मान्यता से जुड़े विभागीय अधिकारी को विस्तृत जांच में शामिल करने का आदेश दिया। 301 विद्यालयों की मान्यता पत्रावलियों की जांच अब जाकर पूरी हुई है। कमेटी के दोनों सदस्यों की ओर से जांच रिपोर्ट सौंपे जाने के बाद मुख्य विकास अधिकारी उसे अंतिम रूप दे चुके हैं।