शिक्षा ही दिला सकती है समान अधिकार : आयशा
रुदौली (अयोध्या) प्रतियोगिता जीत कर भारत में एक दिन के लिए ब्रिटेन की शीर्ष राजनयिक बनने वाली आयशा खान ने बालिकाओं की शिक्षा पर बल दिया। वे डीएसएम लायंस पब्लिक स्कूल रौजागांव में लैंगिक समानता विषय पर आयोजित कार्यशाला में विचार व्यक्त कर रही थीं। उन्होंने कहा शिक्षा शक्तिशाली उपकरण है जो लैंगिक समानता हासिल करने में मदद कर सकता है।
रुदौली (अयोध्या) : प्रतियोगिता जीत कर भारत में एक दिन के लिए ब्रिटेन की शीर्ष राजनयिक बनने वाली आयशा खान ने बालिकाओं की शिक्षा पर बल दिया। वे डीएसएम लायंस पब्लिक स्कूल रौजागांव में लैंगिक समानता विषय पर आयोजित कार्यशाला में विचार व्यक्त कर रही थीं।
उन्होंने कहा, शिक्षा शक्तिशाली उपकरण है, जो लैंगिक समानता हासिल करने में मदद कर सकता है। युवा महिलाओं में जीवन के सभी क्षेत्र में अच्छा प्रदर्शन करने की योग्यता है। उनमें बेपनाह क्षमता है, जिसे पहचानने और अवसर देने की आवश्यकता है। इसका एहसास एक दिन के लिए भारत में ब्रिटिश उच्चायुक्त बनने के बाद हुआ। यदि लड़कियों के लिए अलग से कॉलेज नहीं है तो उन्हें को-एजुकेशन सहर्ष स्वीकार करना चाहिए। को-एजुकेशन में प्रगति की पूरी संभावनाएं हैं। कार्यक्रम के मुख्य आयोजक डॉ. निहाल रजा ने कहा कि 11 अक्टूबर को इंटरनेशनल-डे ऑफ द गर्ल चाइल्ड प्रतियोगिता में विजयी होकर आयशा ने आसमान की बुलंदियों को छूने का प्रयास किया। दिल्ली, मुंबई, हैदराबाद और बड़े शहरों के मुकाबले छोटे शहर गोरखपुर से मध्यम श्रेणी के परिवार में जन्मी आयशा ने साबित किया कि प्रतिभा संसाधन की मोहताज नहीं है। डीएसएम लायंस पब्लिक स्कूल क्षेत्र की बालिकाओं को समलैंगिकता के आधार पर उच्च शिक्षा देने के लिए सभी को आश्वस्त करता है।
एसडीएम विपिन कुमार सिंह ने लड़कों के मुकाबले लड़कियों को शिक्षा में प्राथमिकता देने की वकालत की। सीओ डॉ. धर्मेंद्र यादव ने कहा कि लड़कियां बहादुर हैं, जो खुद की सुरक्षा कर सकती हैं। लायंस क्लब अध्यक्ष निष्काम गुप्त एवं रवीश कुमार अग्रवाल ने बालिकाओं को शिक्षा के उच्च स्तर प्रदान करने में सहयोग का आश्वासन दिया। अतिथियों का स्वागत प्रधानाचार्य डॉ. भावना मिश्रा ने किया। संचालन निहारिका त्रिपाठी ने किया। धन्यवाद ज्ञापन आरबी सिंह ने किया। क्लब की तरफ से आयशा खान को प्रमाणपत्र व अवार्ड देकर सम्मानित किया गया। इस मौके पर महमूद सुहेल, अनिल खरे, इकबाल सिंह, जितेंद्र सिंह, डॉ. अनवर हुसैन खां मौजूद रहे।