रामनगरी के 181 मंदिर व धर्मशालाओं में ठहरना वर्जित
अयोध्या सावन झूला मेला में अयोध्या आने वाले श्रद्धालुओं की सुरक्षा को लेकर नगर निगम ने बड़ा कदम उठाया है। रामनगरी में स्थित 181 भवनों में श्रद्धालुओं के ठहरने पर रोक लगा दी है। इनमें अधिकांश बड़े मंदिर व धर्मशालाएं हैं। भवन की जर्जर हालत के ²ष्टिगत नगर निगम ने सर्वे के बाद जर्जर भवन को खाली करने के लिए उनके स्वामियों को नोटिस भी जारी की है।
अयोध्या : सावन झूला मेला में अयोध्या आने वाले श्रद्धालुओं की सुरक्षा को लेकर नगर निगम ने बड़ा कदम उठाया है। रामनगरी में स्थित 181 भवनों में श्रद्धालुओं के ठहरने पर रोक लगा दी है। इनमें अधिकांश बड़े मंदिर व धर्मशालाएं हैं। भवन की जर्जर हालत के ²ष्टिगत नगर निगम ने सर्वे के बाद जर्जर भवन को खाली करने के लिए उनके स्वामियों को नोटिस भी जारी की है। भवन के बाहर नोटिस भी चस्पा कर दी गई है, जिसमें साफ लिख दिया गया है कि इन भवनों में प्रवेश करना अथवा ठहरना वर्जित है।
बरसात के मौसम में आयोजित होने वाले इस परंपरागत सांस्कृतिक मेले में लाखों श्रद्धालुओं की सुरक्षा बड़ी चुनौती है। ठहरने की उचित व्यवस्था न मिलने के कारण अधिकांश श्रद्धालु मंदिर व धर्मशालाओं में ठहरते हैं। वर्ष 2016 में तुलसीनगर मोहल्ले के एक मंदिर की छत ढहने के कारण दो लोगों की मृत्यु हो गई थी तथा कई श्रद्धालु घायल हो गए थे। इस बार नगर निगम की कार्रवाई सिर्फ नोटिस जारी करने तक सीमित नहीं है। भवनों की निगरानी के लिए पहरेदार भी बैठाए गए हैं। एक-एक कर्मचारी को 45-45 भवनों की निगरानी में लगाया गया है। .............. जर्जर भवनों का सर्वे कराने के बाद भवन स्वामियों को नोटिस जारी की गई है। श्रद्धालुओं का इन भवनों में ठहरना वर्जित है। सूची में 181 जर्जर भवन शामिल हैं।
-सच्चिदानंद सिंह, अपर नगर आयुक्त