अविवि की मुख्य परीक्षा के पहले दिन एक हजार 563 परीक्षार्थी अनुपस्थित
अवध विश्वविद्यालय की मुख्य परीक्षा गुरुवार से शुरू हुई। 383 परीक्षा केंद्रों पर स्नातक एवं परास्नातक अंतिम वर्ष के विद्यार्थियों ने दो पालियों में परीक्षा दी जिसमें 51 हजार 65 परीक्षार्थी शामिल हुए। एक हजार 563 परीक्षार्थी अनुपस्थित रहे।
अयोध्या: अवध विश्वविद्यालय की मुख्य परीक्षा गुरुवार से शुरू हुई। 383 परीक्षा केंद्रों पर स्नातक एवं परास्नातक अंतिम वर्ष के विद्यार्थियों ने दो पालियों में परीक्षा दी, जिसमें 51 हजार 65 परीक्षार्थी शामिल हुए। एक हजार 563 परीक्षार्थी अनुपस्थित रहे। कुलपति प्रो. रविशंकर सिंह की अगुवाई में अधिकारियों एवं पर्यवेक्षकों ने कई परीक्षा केंद्रों का औचक निरीक्षण किया। विवि का दावा है कि परीक्षा कोविड-19 प्रोटोकॉल के बीच शुरू हुई। कुलपति ने प्रथम पाली में जवाहर लाल नेहरू स्मारक पीजी कॉलेज, बाराबंकी एवं कृष्णावती रामनरेश कॉलेज अयोध्या के परीक्षा केंद्र का औचक निरीक्षण किया। कुलपति ने परीक्षा कक्ष में जाकर छात्रों से संवाद किया। कोविड प्रोटोकाल एवं सीसीटीवी की निगरानी में परीक्षा होती मिली। उन्होंने परीक्षा केंद्रों को केंद्र व राज्य सरकार की एडवाइजरी का कड़ाई से पालन करने का निर्देश दिया। परीक्षा नियंत्रक उमानाथ ने प्रथम पाली में झुनझुनवाला महाविद्यालय, गुरूनानक कॉलेज, आईईटी एवं द्वितीय पाली में परमहंस डिग्री कॉलेज, साकेत महाविद्यालय एवं जयगणेश महाविद्यालय के परीक्षा केंद्रों को देखा। साकेत महाविद्यालय के प्राचार्य डॉ.अभय कुमार सिंह ने बताया कि दोनों पालियों में शांतिपूर्ण तरीके से परीक्षा संपन्न हुई।
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सौ से अधिक छात्र परीक्षा से वंचित
अयोध्या: बीएससी, बीए व बीकाम अंतिम वर्ष के कई छात्र परीक्षा से वंचित रहे गए। कोरोना महामारी की विभीषिका की वजह से न सिर्फ शैक्षणिक सत्र अस्तव्यस्त हो गया बल्कि छात्रों तक विवि की सूचनाएं भी नहीं पहुंची। इस वजह से विवि क्षेत्र के तकरीबन डेढ़ सौ छात्र-छात्राएं परीक्षा फार्म नहीं भर सकीं। इन छात्रों का एक वर्ष बर्बाद हो जाएगा। चालू सत्र में इन्हें फिर से इसी क्लास की परीक्षा देनी होगी।
परीक्षा नियंत्रक उमानाथ ने बताया कि कई बार परीक्षा फार्म भरने का मौका दिया गया। परीक्षा के एक दिन पहले आने वाले परीक्षार्थियों का फार्म नहीं भरा जा सकता था, क्योंकि ऑनलाइन सिस्टम पूरी तरह क्लोज कर दिया गया था।