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12 हजार लीटर तेल से रोशन होंगे दीपोत्सव के दीये

फैजाबाद : रामनगरी के दूसरे दीपोत्सव में 11 हजार 655 लीटर तिल या सरसो के तेल से दीपोत्सव के

By JagranEdited By: Published: Sun, 28 Oct 2018 11:54 PM (IST)Updated: Sun, 28 Oct 2018 11:54 PM (IST)
12 हजार लीटर तेल से रोशन होंगे दीपोत्सव के दीये
12 हजार लीटर तेल से रोशन होंगे दीपोत्सव के दीये

फैजाबाद : रामनगरी के दूसरे दीपोत्सव में 11 हजार 655 लीटर तिल या सरसो के तेल से दीपोत्सव के करीब साढ़े तीन लाख दीपक रोशन होंगे। इस बार के दीपोत्सव की भव्यता का अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि इसमें कोरिया समेत दुनिया के कलाकार व अतिथिगण हिस्सा ले रहे हैं। दीये जलाने के भी विशेष इंतजाम किए जा रहे हैं। कुल 777 टीन तेल की व्यवस्था की जा रही है। इसी से सरयू तट स्थित रामकीपैड़ी के कुल 13 घाटों को जगमग किया जाएगा। ये घाट करीब साढ़े तीन घंटे दीपकों की रोशनी से जगमग रहेंगे। इसमें लगने वाली बाती को तैयार करने की जिम्मेदारी महिला समूहों को दी गई है। दीये को जलाने में कुल पांच हजार वालंटियर व 26 घाट संयोजकों की तैनाती की गई है।

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इस बार दीये का आकार तीस मिलीलीटर का होगा है। गत वर्ष 50 व 18 एमएल के दीपक बनाए गए थे। दीपोत्सव की धुरी बने डॉ. राममनोहर लोहिया अवध विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. मनोज दीक्षित के नेतृत्व में उनकी टीम इन दिनों इसी कार्य में तल्लीन है। कुलपति ने बताया की दीये बनाने की जिम्मेदारी कुम्हारों को सौंपी जा चुकी है। तय समय से पूर्व ही सभी तैयारियां पूर्ण हो जाएंगी।

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व‌र्ल्ड रिकॉर्ड की तैयारी

-दीपोत्सव में गिनीज बुक ऑफ व‌र्ल्ड रिकॉर्ड की टीम को आमंत्रित किया गया है। यह टीम मौके पर ही जलते दीयों की गणना करेगी। सबकुछ ठीकठाक रहा तो संभव है कि ऑन द स्पॉट ही व‌र्ल्ड रिकॉर्ड की घोषणा कर दी जाए। कुलपति प्रो. मनोज दीक्षित बताते हैं कि यह आयोजन अपनेआप में अद्वितीय होगा। सोशल साइट्स के जरिए दीपोत्सव में सभी से सहयोग का भी आह्वान भी किया है। आयोजन की अहम कड़ी आशीष मिश्र बताते हैं कि दीपोत्सव की तैयारियां तीन नवंबर तक पूरी कर ली जाएगी।

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फैक्ट फाइल

दीये की संख्या-साढ़े तीन लाख

तेल का इंतजाम-777 टीन

एक दीए का आकार-30 एमएल

वालीयंटियर-पांच हजार

कुल घाटों की संख्या-13

घाट संयोजकों की संख्या-26

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दिख रहा बेहतर प्रबंधन

-इस बार दीपोत्सव में प्रबंधन भी बेहतर दिख रहा है। एक ओर व‌र्ल्ड रिकार्ड बनाने के लिए दीयों की संख्या बढ़ाई गई है तो दूसरी ओर इसमें खपत होने वाले तेल की मात्रा गत वर्ष की तुलना में कम है। गत वर्ष करीब पौने दो लाख दीपकों को जलाने के लिए लगभग 18 हजार लीटर तेल लगा था, जबकि इस बार करीब 12 हजार लीटर तेल से ही लगभग साढ़े तीन लाख दीये बनाए जाएंगे।


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