11 हजार रोपित पौधों में बचे मात्र 200
बड़ागांव (अयोध्या) वन विभाग के खेल निराले हैं। वर्ष 2018 के जुलाई माह में लक्ष्य पूरा करने की होड़ में अंधाधुंध पौधरोपण करवाने वाला यह विभाग हर वर्ष उसके रखरखाव में खेल करता है। इसका ताजा उदाहरण सोहावल क्षेत्र स्थित समदा झील के किनारे जून जुलाई माह में रोपे गए 11 हजार पौधों की जगह देखकर लगाया जा सकता है।
बड़ागांव (अयोध्या) : वन विभाग के खेल निराले हैं। वर्ष 2018 के जुलाई माह में लक्ष्य पूरा करने की होड़ में अंधाधुंध पौधरोपण करवाने वाला यह विभाग हर वर्ष उसके रखरखाव में खेल करता है। इसका ताजा उदाहरण सोहावल क्षेत्र स्थित समदा झील के किनारे जून, जुलाई माह में रोपे गए 11 हजार पौधों की जगह देखकर लगाया जा सकता है।
समदा झील के बगल खाली पड़े भारी भूभाग में जुलाई माह में आम, नीम, पीपल, पाकड़, अशोक, चिलबिल, जामुन, बरगद आदि दर्जनों प्रजातियों का पौध रोपित किया गया, लेकिन रखरखाव के अभाव में वे सूखकर पूरी तरह से खत्म हो चुके हैं। मोइया कपूरपुर के ग्राम प्रधान अशोक सिंह ने बताया वनकर्मियों की लापरवाही व सिस्टम में दोष के चलते इस स्थान पर शायद ही दो सौ पौधे बचे हों। उन्होंने बताया कि कागजों में वन विभाग पौधों की रखवाली के लिए दर्जन भर मजदूर व सिचाई के साधन का कागजों पर ही उपयोग कर रहा है, जिससे सिचाई व रखरखाव के अभाव में दस हजार से ज्यादा पौध सूखकर खत्म हो गए। इस बारे में वन क्षेत्राधिकारी सदर वीके सिंह ने बताया कि 40 बीघे के क्षेत्रफल में लगे पौधरोपण में काफी पेड़ सूखने के बाद बदले भी गए। सिचाई लगातार कराई जा रही है। गर्मी बहुत है, इसीलिए पेड़ सूख गए हैं। ग्राम प्रधान अशोक सिंह के अनुसार 11 हजार पौधों में मात्र दो सौ का बचना बेहद लापरवाही का प्रतीक है।
लोकसभा चुनाव और क्रिकेट से संबंधित अपडेट पाने के लिए डाउनलोड करें जागरण एप