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संपर्क मार्गों पर भरा पानी,ग्रामीण घरों में कैद

कोटा वैराज बांध से छोड़े गये ढाई लाख क्यूसेक पानी के चलते चंबल नदी का जल स्तर शनिवार को खतरे के निशान से ऊपर पहुंच गया। शुक्रवार से लगातार बढ़ रहे जल स्तर के कारण क्षेत्र के दो गांवों के संपर्क मार्गों पर पानी भरने से ग्रामीण घरों में कैद हो गये।

By JagranEdited By: Published: Sat, 17 Aug 2019 09:50 PM (IST)Updated: Sun, 18 Aug 2019 06:20 AM (IST)
संपर्क मार्गों पर भरा पानी,ग्रामीण घरों में कैद
संपर्क मार्गों पर भरा पानी,ग्रामीण घरों में कैद

संवादसूत्र, उदी : कोटा वैराज बांध से छोड़े गये ढाई लाख क्यूसेक पानी के चलते चंबल नदी का जल स्तर शनिवार को खतरे के निशान से ऊपर पहुंच गया। शुक्रवार से लगातार बढ़ रहे जल स्तर के कारण क्षेत्र के दो गांवों के संपर्क मार्गों पर पानी भरने से ग्रामीण घरों में कैद हो गये। हालांकि खतरे को भांपते हुए जिलाधिकारी व एसएसपी द्वारा अधिकारियों के साथ निरीक्षण करके एसडीएम व तहसीलदार को सभी जरूरी इंतजाम करने के निर्देश दिये गये हैं। शनिवार को भी लगभग दस हजार क्यूसेक पानी प्रति मिनट छोड़ा जा रहा था जिससे यहां पर और अधिक जल स्तर बढ़ने की संभावना व्यक्त की गई है। उपजिलाधिकारी सिद्धार्थ व तहसीलदार एन राम को हालात पर लगातार नजर रखने के निर्देश दिये गये हैं। शनिवार को जल स्तर 122.80 मीटर पर पहुंचने के कारण पछायगांव क्षेत्र में चंबल नदी के किनारे बसे गांव बसवारा व मड़ैया पछायगांव क्षेत्र के संपर्क मार्गों पर पानी भरने से दोनों मार्गों का संपर्क टूट गया है। दोनों गांवों के लोग घरों में कैद हो गये। गांव के विद्यालय में बच्चे व शिक्षक नहीं पहुंच सके। तहसीलदार एन राम ने बताया कि उपरोक्त ग्रामों के लोगों के आवागमन हेतु ग्राम प्रधान से संपर्क करके उनसे सहयोग मांगा गया है। सुरक्षा के सभी इंतजाम प्रशासन द्वारा किये गये हैं। सभी गांवों पर नजर रखी जा रही है। उन्होंने बताया कि जल स्तर बढ़ने से क्षेत्र के कई ग्रामों में फसल की क्षति तो होगी ही लेकिन किसी भी गांव को नुकसान पहुंचने की संभावना नहीं बताई जा रही है। 1996 के जल स्तर से काफी नीचे केंद्रीय जल आयोग के प्रभारी शहजादे खान ने बताया कि शनिवार को चंबल नदी का जल स्तर 122.80 मीटर पर पहुंच गया। हालांकि चंबल के अब तक रिकॉर्ड के अनुसार 1996 में 128.35 मीटर से यह काफी नीचे है। 1996 में जल स्तर अगस्त माह में बढ़ा था हालांकि लगातार जल स्तर बढ़ने से गांव के लोग काफी चितित नजर आ रहे हैं। रविवार को जल स्तर अधिक बढ़ता है तो क्षेत्र के कई ग्रामों को नुकसान की संभावना से इंकार नहीं किया जा सकता।

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