पीड़ित डाक्टर की अनदेखी,कुलपति के खिलाफ प्रदर्शन
उत्तर प्रदेश आयुर्विज्ञान विश्वविद्यालय सैफई के हार्ट अटैक से पीड़ित जूनियर डाक्टर की अनदेखी करने के मामले में कुलपति की बेरुखी से खफा सैकड़ों जूनियर डाक्टरों ने प्रशासनिक भवन के बाहर विरोध प्रदर्शन शुरू कर दिया है। निर्णय लिया गया है कि जब तक कुलपति लिखित या मौखिक माफी नहीं मांगते तब तक विरोध प्रदर्शन जारी रहेगा।
संवाद सहयोगी, सैफई : उत्तर प्रदेश आयुर्विज्ञान विश्वविद्यालय सैफई के हार्ट अटैक से पीड़ित जूनियर डाक्टर की अनदेखी करने के मामले में कुलपति की बेरुखी से खफा सैकड़ों जूनियर डाक्टरों ने प्रशासनिक भवन के बाहर विरोध प्रदर्शन शुरू कर दिया है। निर्णय लिया गया है कि जब तक कुलपति लिखित या मौखिक माफी नहीं मांगते तब तक विरोध प्रदर्शन जारी रहेगा।
यूनिवर्सिटी के रेजीडेंट एसोसिएशन के अध्यक्ष डा. अभिनव गंगवार ने बताया कि जूनियर डा. संतोष यादव को बुधवार की रात दो बजे दिल का दौरा पड़ने से कार्डियोलॉजी विभाग के डा. समीर सर्राफ के अंडर में भर्ती कराया गया। जहां हालत में सुधार न होने पर बेहतर इलाज के हायर सेंटर के लिए रेफर कर दिया गया। देर रात में न चिकित्सा अधीक्षक और कुलपति ने फोन उठाया और न कोई अधिकारी मौके पर आया। कुछ जूनियर डाक्टर चिकित्सा अधीक्षक के आवास पर गए। वे चाहते थे कि डाक्टर संतोष यादव के लिए एंबुलेंस फ्री कर दें पर उन्होंने इसे अपने अधिकार क्षेत्र से बाहर बताकर कुलपति से अनुमति लेने के लिए कहा। रात भर कोशिश करने के बावजूद कुलपति से कोई संपर्क न हो सका। गुरुवार को पूर्वाह्न 11 बजे कुलपति प्रो. राजकुमार ओपीडी ब्लॉक जा रहे थे तो रेजिडेंट एसोसिएशन के अध्यक्ष डॉ. अभिनव गंगवार ने कुलपति से आग्रह किया लेकिन उनके गार्ड ने उन्हें रोकते हुए कहा कि अपाइंटमेंट लेकर आएं तभी बात कर सकते हैं। इस पर जूनियर डाक्टर भड़क गए। तर्क दिया कि डाक्टर एमआईसीयू में भर्ती है, उसको कार्डियोलॉजिस्ट डा. समीर सर्राफ द्वारा हायर सेंटर में रेफर किया गया है लेकिन एंबुलेंस नहीं मिल पा रही है। कुलपति ने इसको गंभीरता से नहीं लिया। जूनियर डाक्टरों का आरोप है कि उनको कॅरियर खराब देने की धमकी देकर डराया जा रहा है। कुलपति प्रो. राजकुमार का कहना है कि बेशक जूनियर डाक्टर की तबियत खराब है लेकिन जूनियर डाक्टरों की ओर से जिस तरह के आरोप लगाए जा रहे हैं, वे बेबुनियाद हैं। किसी भी डाक्टर के साथ अभद्रता नहीं की गई है। प्रदर्शनकारी डाक्टरों को संस्थान से कुछ उच्च कुर्सियों पर बैठे लोगों द्वारा भड़काया जा रहा है।