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स्वनिधि योजना में रुपये पाकर खिले वेंडरों के चेहरे

जागरण संवाददाता इटावा प्रधानमंत्री स्ट्रीट वेंडर्स आत्मनिर्भर निधि योजना के अंतर्गत जनपद के पीए

By JagranEdited By: Published: Tue, 27 Oct 2020 06:30 PM (IST)Updated: Wed, 28 Oct 2020 02:15 AM (IST)
स्वनिधि योजना में रुपये पाकर खिले वेंडरों के चेहरे
स्वनिधि योजना में रुपये पाकर खिले वेंडरों के चेहरे

जागरण संवाददाता, इटावा : प्रधानमंत्री स्ट्रीट वेंडर्स आत्मनिर्भर निधि योजना के अंतर्गत जनपद के पीएम स्वनिधि लाभार्थियों के साथ मंगलवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने विकास भवन के प्रेरणा सभागार में वर्चुअल संवाद स्थापित किया। उन्होंने वीडियो कांफ्रेंसिग से संबोधित किया।

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प्रधानमंत्री ने कहा कि कोरोना महामारी के संक्रमण को रोकने के लिए उठाये गये कदमों विशेषकर लॉकडाउन के कारण शहरी पथ विक्रेताओं के व्यापार पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ा था इस लिए उन्हें दस हजार रुपये के आसान ऋण की सुविधा सरकार द्वारा दी गई है। योजना से पटरी, रेहड़ी, ठेला दुकानदारों को लाभ होगा। योजना के अंतर्गत 30 लाभार्थियों को दस-दस हजार रुपये के स्वीकृत ऋण प्रमाण पत्र सदर विधायक सरिता भदौरिया, जिलाधिकारी श्रुति सिंह व नगर पालिका अध्यक्ष नौशाबा खानम ने प्रदान किए। सदर विधायक सरिता भदौरिया ने कहा कि इस ऋण योजना के बाद पटरी दुकानदारों के व्यवसाय को मदद मिलेगी और वह अपनी जीविका चला सकेंगे। जिलाधिकारी श्रुति सिंह ने कहा कि कोई भी लाभार्थी योजना के लाभ से वंचित न रह जाए इसके निर्देश दिए गये हैं। उन्होंने बताया कि योजना के अंतर्गत जनपद में डूडा द्वारा सात हजार लाभार्थियों के फार्म भरवाये गए जिनमें से अब तक 2600 लाभार्थियों के फार्म विभिन्न बैंकों द्वारा स्वीकृत किए गए। 2022 लाभार्थियों के खाते में ई-पेमेंट से धनराशि प्रेषित की गई है। अपर जिलाधिकारी ज्ञान प्रकाश श्रीवास्तव, अधिशासी अधिकारी अनिल कुमार, पूर्व पालिका अध्यक्ष फुरकान अहमद उपस्थित रहे।

क्या बोले कामगार

भारत सरकार ने पथ विक्रेताओं को आत्मनिर्भर बनाने के लिए जो ब्याज रहित ऋण दिया है उससे परिवार के भरण-पोषण में सुविधा मिलेगी और अपने कारोबार को आगे बढ़ा सकूंगा।

शुभम चौहान, इटावा कोरोना काल में लगे लॉकडाउन के दौरान मोची की दुकान भी बंद करा दी गई थी। परिवार का पेट भरने को साहूकारों से ब्याज पर कर्ज लिया था। अब सरकार ने बिना ब्याज के 10 हजार का कर्ज दे दिया है। उससे साहूकार का कर्ज अदा कर दूंगा और अपनी दुकान भी संभाल लूंगा।

विजय, जसवंतनगर मोची की दुकान करके अपनी गुजर-बसर कर रहा था। कोरोना काल में कारोबार बंद हो गया और घर में कैद रहना पड़ा। रोजी रोटी चलाने के लिए धन की आवश्यकता थी। यह कर्ज परिवार के लिए संजीवनी बन गया है। जैकी, जसवंतनगर लॉकडाउन से पूर्व कस्बा इकदिल में भेलपूरी का ठेला लगाकर परिवार का भरण पोषण करता था। लॉकडाउन में कारोबार बंद हो गया था। भूखे मरने की नौबत आ गई थी। लेकिन पीएम की इस योजना ने जो खुशी दी है उसे बयां नहीं कर सकता हूं।

सोनू गुप्ता, इकदिल


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