कपड़े उतार कर धूप व आग तापना हो सकता खतरनाक
जागरण संवाददाता, इटावा : मौसम की आंख मिचौनी को देखकर जो लोग अपने पहनावे में लापरवाही कर
जागरण संवाददाता, इटावा : मौसम की आंख मिचौनी को देखकर जो लोग अपने पहनावे में लापरवाही करते हैं तथा ठंड से बचने के लिए धूप व आग का सहारा लेते हैं उन्हें स्वस्थ रहने के लिए एहतियात बरतने की जरूरत है। उनको चाहिए की वह तेज धूप देखकर गरम कपड़े खोलकर धूप में न बैठें और न आग की ताप लगते ही कपड़े उतारें। यह प्रक्रिया अटैक का कारण बन सकती है। जिन लोगों को लंबे समय से जुकाम की शिकायत रहती है। वह जांच कराके ही दवा का सेवन करें। ठंड को देखते हुए चारपाई पर सोते समय अचानक न उठे, रात को अगर पेशाब के लिए उठना हो तो तकरीबन दो मिनट तक चारपाई पर बैठे रहें उसके बाद धीरे से उठ कर जाएं। जल्दबाजी में चक्कर आने की शिकायत हो सकती है। यह कहना है होम्योपैथिक चिकित्सक डा. आशीष दीक्षित का। वह जागरण से बात कर रहे थे।
गुर्दे में गांठ से संबंधित एक सवाल के जवाब में उन्होंने कहा कि ऐसा होने पर अल्ट्रासाउंड कराना चाहिये और खान-पान में टमाटर, अमरूद व पालक आदि के प्रयोग से बचना चाहिये। उन्होंने कहा कि वर्तमान में मौसम में सर्दी-जुकाम की समस्या रहती है ऐसे में लोगों को ठंडी चीजें दही, चावल आदि का कतई सेवन नहीं करना चाहिये और शिकायत होने पर डाक्टरों की सलाह लेकर दवा करनी चाहिये। खांसी तथा राह चलते चक्कर आने पर ठंड से बचाव रखें, नंगे सिर बाहर न निकलें, ठंडी चीजें न खाएं, सोने बाद जागने पर एक साथ उठकर न चलें। सर्दी के वर्तमान मौसम में बच्चों को सर्दी से बचा कर रखना चाहिये और उनके सीने पर देशी घी व नमक की मालिस करनी चाहिये। बच्चों को दही व चावल कतई न खाने दें। ठंडा भोजन न खिलाएं। उन्होंने कहा कि अगर मुंह में छाले होते हैं तो तले हुए खाद्य पदार्थ तेज मिर्च मसाले वाला भोजन न करें। रात को सोने से पूर्व एक गिलास गरम दूध लें, बाजार के खाद्य पदार्थ न खाएं। श्री दीक्षित ने कहा कि खांसी सहित हर बीमारी का उपचार होम्योपैथिक में है।