बदलते मौसम में टाइफाइड का हमला
मौसम में बदलाव के संकेत के साथ ही इन दिनों टाइफाइड के मामले बढ़ गये हैं। जिला अस्पताल और निजी पैथोलॉजी लैबों पर रोजाना दर्जनों लोगों में इस बीमारी की पहचान हो रही है।
जागरण संवाददाता इटावा : मौसम में बदलाव के संकेत के साथ ही इन दिनों टाइफाइड के मामले बढ़ गये हैं। जिला अस्पताल और निजी पैथोलॉजी लैबों पर रोजाना दर्जनों लोगों में इस बीमारी की पहचान हो रही है।
चिकित्सकों की मानें तो वैक्टीरियल संक्रमण से होने वाला टाइफाइड एक गंभीर बीमारी है। जिसका समय पर इलाज न कराने से मौत तक हो सकती है। आम बोलचाल में इसे मियादी बुखार कहा जाता है। मुख्य रूप से यह अशुद्ध खानपान की वजह से फैलता है। इन दिनों वातावरण बैक्टीरिया के संक्रमण के लिए काफी मुफीद है। इसके अलावा बरसात की वजह से बोरिग का पानी भी प्रदूषित हो जाता है, जिसको बिना उबाले या प्यूरीफाई किए पीना खतरनाक है। बैक्टीरिया पनपने की स्थिति में यह सीधे-सीधे टाइफाइड को न्यौता हो सकता है। जिला अस्पताल में प्रतिदिन 5 से 10 तक मरीजों की जांच में टाइफाइड पाया जा रहा है। इसके अलावा निजी पैथोलॉजी लैबों पर यह आंकड़ा दर्जनों में है। जिला अस्पताल के डॉ. अजय शर्मा बताते हैं कि पानी को उबाल कर ठंडा करने के बाद ही पीयें। इससे पेट की अनेक बीमारियों से बचाव होता है। टाइफाइड होने के बाद पूरी तरह स्वस्थ होने में तीन सप्ताह लग सकते हैं। इस अवधि में खानपान पर विशेष ध्यान देने की जरूरत होती है। बीमारी की मुख्य वजह अशुद्ध पानी पीने से
खाना बनाने में अशुद्ध पानी का इस्तेमाल
फल-सब्जी धोने में अशुद्ध पानी का प्रयोग टाइफाइड रोगी के लक्षण पेट में दर्द रहना
तेज सिर दर्द
बुखार का अचानक से आना
तनाव रहना
पेचिश और कब्ज होना
बच्चे को दस्त लगना
भूख न लगना
वजन कम होना
मांसपेशियां कमजोर होना बीमारी से बचने को बरतें सावधानी नियमित रूप से घर की साफ सफाई करें
पीने के पानी को उबाल कर ठंडा कर लें
खाना बनाने के लिए भी शुद्ध जल का इस्तेमाल करें
बार-बार हाथ धोने की आदत डालें, खास तौर से शौच के बाद और खाने से पहले।