प्रकाश नगर में दो मकान गिरे, खुले में रात बिता रहे पीड़ित
जागरण संवाददाता, इटावा : जलभराव से पीड़ित प्रकाश नगर बस्ती के लोगों को दूसरे दिन भी अपना मक
जागरण संवाददाता, इटावा : जलभराव से पीड़ित प्रकाश नगर बस्ती के लोगों को दूसरे दिन भी अपना मकान नसीब नहीं हो सका। नगर पालिका परिषद की टीम मुख्य सफाई निरीक्षक प्रमोद कुमार के नेतृत्व में 24 घंटे से पानी निकासी में जुटी हुई है। जिन मकानों से पानी निकल गया उनमें से दो मकान और धराशाही हो गए। हालत यह हो गई कि पीड़ित परिवार खुले आसमान के नीचे मोमियां की पन्नी की झोपड़ी में रात गुजारने को मजबूर हैं। प्रशासन द्वारा की गई मदद की घोषणाएं भी निर्मूल साबित हुई हैं।
जलभराव वाले मकान सुरेश शर्मा की एक दीवार गिर जाने से उनके दो मंजिला मकान के गिरने के प्रबल आसार बन गए हैं। इसी इलाके में अकलू पासवान का मकान बरसात का पानी निकलने से धराशाही हो गया। पीड़ितों का आरोप है कि प्रशासन ने मंगलवार को तो एक टाइम भोजन के पैकेट दिलवा दिए, जबकि शाम को 5 किलो चावल व 5 किलो गेहूं दिलवा दिया। हैरत की बात तो यह है कि प्रशासन से खुले में बरसात से बचने के लिए मात्र दो परिवारों को ही मोमियां उपलब्ध कराई गईं। जबकि अन्य पीड़ित पुरानी मोमियां से झोपड़ी बनाकर रहने को मजबूर हैं। लगातार 24 घंटे तक पंप सेट चलने के बाद बुधवार को पानी की निकासी काफी हद तक हो गई थी लेकिन अभी लोगों के मकान रहने लायक नहीं हैं।
पीड़ित परिवारों में कल्लू, बबलू, विष्णु, खेम ¨सह, होतीलाल का आरोप है कि दूसरे दिन पीड़तों का दर्द बटाने कोई अधिकारी नहीं आया। नगर पालिका परिषद के मुख्य सफाई निरीक्षक प्रमोद कुमार ही पानी निकलवाने में जुटे हुए हैं।
समाजसेवी भी नदारद
जलभराव वाले इलाके प्रकाश नगर के पीड़ितों का दर्द है कि शहर में समाजसेवा का दम भरने वाले तथा गरीबों की मदद का भरोसा देने वाली तो अनेक समाजसेवी संस्थाएं हैं लेकिन बस्ती के भूखे प्यासे लोगों की मदद करने कोई नहीं आया। इस घटना से समाजसेवियों की भी पोल खोल दी है।