आर्थिक तंगी से परेशान मजदूर ने फंदा लगाकर जान दी
संवादसूत्र बसरेहर लगता है कि कोरोना के चलते जारी आंशिक कर्फ्यू रोजाना कमाने खाने वालो
संवादसूत्र, बसरेहर : लगता है कि कोरोना के चलते जारी आंशिक कर्फ्यू रोजाना कमाने खाने वालों के लिए अब अभिशाप बन रहा है। इसी के चलते मजदूरी न मिलने से आर्थिक तंगी से जूझ रहे थाना क्षेत्र के गांव नगला बाबा निवासी 40 वर्षीय राजेंद्र उर्फ सप्पू पुत्र स्वर्गीय रामसेवक बाथम ने गांव के बाहर खेत पर स्थित नीम के पेड़ पर फांसी लगाकर जीवन लीला समाप्त कर ली। बुधवार की सुबह करीब छह बजे शांत वातावरण उस समय चीख-पुकार में परिवर्तित हो गया जब शौच क्रिया के लिए खेतों की ओर जा रही महिलाओं ने नीम के पेड़ की डाल पर गांव के सप्पू बाथम का शव फांसी के फंदे पर लटका देखा। चीख-पुकार सुन गांव के काफी लोग मौके पर पहुंच गए। नवनिर्वाचित ग्राम प्रधान हुंडीलाल ने पुलिस को सूचना दी। बसरेहर थाना प्रभारी चंद्रदेव यादव ने कानूनी प्रक्रिया पूरी करवाकर शव को पोस्टमार्टम के लिए भिजवाया। मृतक के 14 वर्षीय बेटे राजा ने बताया कि उनके पास खेती नहीं है, माता-पिता दोनों ही मजदूरी करके परिवार का भरण पोषण करते थे लेकिन मजदूरी कार्य न मिलने के कारण घर की आर्थिक स्थिति खराब हो गई थी। इससे पिताजी बीते सप्ताह से काफी परेशान थे। बीते मंगलवार की रात से वे गायब थे, उनकी तलाश हम लोग कर रहे थे। सुबह उनका शव पेड़ पर लटकता हुआ मिला। परिवार की महिलाओं के विलाप से सभी द्रवित हुए। थाना प्रभारी ने बताया कि मामले की अभी तहकीकात की जा रही है।
थाना प्रभारी चंद्रदेव यादव ने बताया कि मजदूर राजेंद्र मजदूरी करके परिवार का भरण पोषण कर रहा था। उसके पास खेती नहीं थी। कोविड-19 के कारण लॉकडाउन के चलते मजदूरी का कोई काम उसे नहीं मिल रहा था जिसके कारण वह आर्थिक तंगी से जूझ रहा था। इस लिए उसने आत्महत्या कर ली।