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दर्जनों गांव में धधक रहीं हैं खोवा की भट्ठियां

जागरण संवाददाता इटावा होली का त्योहार नजदीक आते ही बाजार में मिलावटी खोवा व दूध की भर

By JagranEdited By: Published: Tue, 12 Mar 2019 09:52 PM (IST)Updated: Tue, 12 Mar 2019 09:52 PM (IST)
दर्जनों गांव में धधक रहीं हैं खोवा की भट्ठियां
दर्जनों गांव में धधक रहीं हैं खोवा की भट्ठियां

जागरण संवाददाता, इटावा : होली का त्योहार नजदीक आते ही बाजार में मिलावटी खोवा व दूध की भरमार हो गयी है। दूध की मांग बढ़ने से दूध में मिलावट का खेल शुरू किया गया। इस त्योहार पर खोवे की मांग पूरी करने के लिये दर्जन भर गांवों में मिलावटी खोवे की भट्ठी धधकने की बात कही जा रही है। यह बात आम चर्चा में होने के बाद भी खाद्य सुरक्षा एवं औषधि प्रशासन विभाग इनपर नकेल नहीं कस पा रहा है। कैसे होती है खोवा में मिलावट

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जनपद में होली के दौरान बड़ी तादाद में खोवा बनाया जाता है। खोवा के कारोबारी इटावा की मंडी के साथ कानपुर व आगरा की मंडियों में भी खोवा की आपूर्ति करते हैं। होली पर खोवा की मांग बढ़ने तथा उत्पादन कम होने के कारण लोग खोवा की मांग को पूरा करने के लिए खोवा में अरारोट, आलू, शकरकंद, स्टार्च व मैदा मिला कर खोवा तैयार करते हैं। सौ से अधिक लोग करते निर्माण

जानकार लोगों का कहना है कि तकरीबन 100 से अधिक दूध उत्पादक किसान भी त्योहार पर खोवा तैयार करके बाजार में बेचते हैं। शहर के छैराहा बाजार, होमगंज, मस्जिद के नीचे व पुरानी मंडी के सामने खोवा की आपूर्ति की जाती है। इस समय हर रोज तकरीबन दो क्विटल खोवा शहर के बाजार में तथा 10 क्विटल से अधिक खोवा कानपुर मंडी में जा रहा है। दूध भी मिलावट से अछूता नहीं होली पर हर परिवार में प्रयोग किए जाने वाला दूध भी मिलावट से नहीं बचा है। उत्पादन से अधिक दूध की मांग होने पर कारोबारी मिलावट करके इसकी पूर्ति करते हैं। पशुपालन विभाग के आंकड़े बता रहे हैं कि सरकारी डेयरी से हर रोज 12 हजार लीटर दूध का उत्पादन किया जाता है, जबकि जिले में तकरीबन 6000 लीटर दूध डेरियों पर पहुंच रहा है तथा इतना ही दूध दुग्ध उत्पादक किसानों द्वारा दूधियों के माध्यम से बाजार में बेचा जा रहा है। मिलावट के खिलाफ जांच अभियान चलाया जा रहा है। इसके अतिरिक्त यदि कोई निजी तौर पर जांच कराना चाहे तो एक हजार रुपया विभाग में जमा कराके जांच करा सकता है। पहले चरण में चेतावनी अभियान चलाया जा रहा है, उसके बाद नमूना संग्रहीत कर जांच को भेजे जाएंगे। एडी पांडेय, अभिहीत अधिकारी खाद्य सुरक्षा विभाग


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