...तो फिर तेजप्रताप के लिए सपा तैयार करेगी नई चुनावी जमीन !
मैनपुरी संसदीय सीट से सपा संरक्षक मुलायम सिंह के लडऩे की घोषणा के बाद से तेजप्रताप यादव के एटा या आजमगढ़ से चर्चा तेज।
By AbhishekEdited By: Published: Mon, 11 Mar 2019 04:43 PM (IST)Updated: Mon, 11 Mar 2019 04:44 PM (IST)
इटावा [गौरव डुडेजा]। कन्नौज से डिंपल यादव और मैनपुरी से मुलायम सिंह को सपा प्रत्याशी बनाए जाने की घोषणा के बाद सैफई परिवार के सबसे छोटे सांसद 'तेजू' यानी तेजप्रताप के लिए नई चुनावी जमीन तैयार की जाएगी। यह नई जमीन कहां होगी, इस पर मंथन शुरू हो गया है।
मुलायम सिंह यादव के भाई के पौत्र और मैनपुरी सांसद तेज प्रताप को चुनावी विरासत की जमीन मिलेगी या फिर नई संसदीय सीट से भाग्य आजमाएंगे, यह चर्चा जोरों पर है। हालांकि मुलायम सिंह के आजमगढ़ छोडऩे के बाद अखिलेश यादव के खुद वहां से लडऩे की चर्चाएं हैं। लेकिन यह भी कोई इन्कार नहीं कर रहा है कि तेजप्रताप वहां से नहीं लड़ेंगे। मंथन यह भी हो रहा है कि यादव वोटों को सहेजने के लिए क्या तेजप्रताप एटा संसदीय सीट से लड़ेंगे। इस मामले में खुद तेज प्रताप का कहना है कि वह चुनाव लड़ेंगे, लेकिन कहां से, यह अभी तय नहीं है। इसका फैसला एक दो दिन में हो जाएगा।
अखिलेश यादव ने कन्नौज की एक सभा में कहा था कि डिंपल लोकसभा चुनाव नहीं लड़ेंगी। तब माना जा रहा था कि अखिलेश खुद यहां से महासमर में उतरेंगे। लेकिन अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस पर तीन सीटों पर महिलाओं को प्रत्याशी घोषित किया। इसमें एक सीट कन्नौज है, जहां से डिंपल लड़ेंगी। शुक्रवार सुबह मुलायम सिंह को मैनपुरी से प्रत्याशी घोषित किया गया तो यह कयास लगने भी शुरू हुए कि तेजप्रताप कन्नौज जा सकते हैं। लेकिन डिंपल के प्रत्याशी घोषित के साथ यह चर्चा समाप्त हो गई।
वहीं यह चर्चा शुरू हो गई, क्या यादव परिवार उस आजमगढ़ सीट को छोड़ देगा जिसने मोदी लहर में भी साइकिल चलाई थी। ऐसे में माना जा रहा है कि अखिलेश यादव आजमगढ़ जाएंगे और तेज प्रताप के लिए नई जमीन तैयार की जाएगी। हालांकि सैफई में इस बात की भी चर्चा जोरों पर अखिलेश लोकसभा के चुनाव में केवल प्रचार करेंगे। अगर अखिलेश केवल चुनाव प्रचार करते हैं तो तेज प्रताप आजमगढ़ की सीट सहेजने के लिए उतर सकते हैं। अगर अखिलेश आजमगढ़ से चुनावी समर में उतरे तो तेज प्रताप के लिए एटा की जमीन मुफीद मानी जा रही है। यादव परिवार का दखल भी वहां अच्छा माना जाता है।
मुलायम सिंह यादव के भाई के पौत्र और मैनपुरी सांसद तेज प्रताप को चुनावी विरासत की जमीन मिलेगी या फिर नई संसदीय सीट से भाग्य आजमाएंगे, यह चर्चा जोरों पर है। हालांकि मुलायम सिंह के आजमगढ़ छोडऩे के बाद अखिलेश यादव के खुद वहां से लडऩे की चर्चाएं हैं। लेकिन यह भी कोई इन्कार नहीं कर रहा है कि तेजप्रताप वहां से नहीं लड़ेंगे। मंथन यह भी हो रहा है कि यादव वोटों को सहेजने के लिए क्या तेजप्रताप एटा संसदीय सीट से लड़ेंगे। इस मामले में खुद तेज प्रताप का कहना है कि वह चुनाव लड़ेंगे, लेकिन कहां से, यह अभी तय नहीं है। इसका फैसला एक दो दिन में हो जाएगा।
अखिलेश यादव ने कन्नौज की एक सभा में कहा था कि डिंपल लोकसभा चुनाव नहीं लड़ेंगी। तब माना जा रहा था कि अखिलेश खुद यहां से महासमर में उतरेंगे। लेकिन अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस पर तीन सीटों पर महिलाओं को प्रत्याशी घोषित किया। इसमें एक सीट कन्नौज है, जहां से डिंपल लड़ेंगी। शुक्रवार सुबह मुलायम सिंह को मैनपुरी से प्रत्याशी घोषित किया गया तो यह कयास लगने भी शुरू हुए कि तेजप्रताप कन्नौज जा सकते हैं। लेकिन डिंपल के प्रत्याशी घोषित के साथ यह चर्चा समाप्त हो गई।
वहीं यह चर्चा शुरू हो गई, क्या यादव परिवार उस आजमगढ़ सीट को छोड़ देगा जिसने मोदी लहर में भी साइकिल चलाई थी। ऐसे में माना जा रहा है कि अखिलेश यादव आजमगढ़ जाएंगे और तेज प्रताप के लिए नई जमीन तैयार की जाएगी। हालांकि सैफई में इस बात की भी चर्चा जोरों पर अखिलेश लोकसभा के चुनाव में केवल प्रचार करेंगे। अगर अखिलेश केवल चुनाव प्रचार करते हैं तो तेज प्रताप आजमगढ़ की सीट सहेजने के लिए उतर सकते हैं। अगर अखिलेश आजमगढ़ से चुनावी समर में उतरे तो तेज प्रताप के लिए एटा की जमीन मुफीद मानी जा रही है। यादव परिवार का दखल भी वहां अच्छा माना जाता है।
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