मजिस्ट्रेटी बयान के बाद भी नहीं लिखी गई थी रिपोर्ट
जासं इटावा शिक्षक अरुण की पत्नी संगीता को मामूली से कहासुनी में घर से लेकर थाने तक बेर
जासं : इटावा शिक्षक अरुण की पत्नी संगीता को मामूली से कहासुनी में घर से लेकर थाने तक बेरहमी से पीटने के मामले में न्यायालय के आदेश से तत्कालीन कार्यवाहक थाना प्रभारी, दारोगा, महिला कांस्टेबल और पांच अज्ञात सिपाहियों के विरुद्ध मारपीट, धमकी, एससीएसटी एक्ट सहित विभिन्न धाराओं में मुकदमा कायम किया गया है। करीब सात माह पुराने इस मामले में पीड़ित पक्ष के मजिस्ट्रेटी बयान लिए जाने के बावजूद मुकदमा दर्ज नहीं किया गया था। तब शिक्षक संघ ने शिक्षक की पत्नी को न्याय दिलाने के लिए संघर्ष की राह पकड़ी थी। पुलिसिया कहर ढाने वाले दोषी पुलिस कर्मियों पर न्यायालय से मुकदमा पंजीकृत होने पर प्राथमिक शिक्षक संघ के जिलाध्यक्ष विनोद यादव ने कहा कि तत्कालीन जिलाधिकारी के निर्देश पर जांच कमेटी गठित की गई थी। पीड़ित पक्ष के मजिस्ट्रेटी बयान भी लिए गए थे, इसके बावजूद एफआईआर दर्ज नहीं कि गई बल्कि पीड़ित पक्ष के खिलाफ उल्टा मुकदमा पंजीकृत कर कार्रवाई की गई। तत्कालीन एसएसपी से न्याय न मिलने पर शिक्षक परिवार को मजबूरन न्यायालय की शरण में जाना पड़ा। न्यायालय से पीड़ित परिवार को न्याय मिला है। शिक्षक परिवार को जब भी जरूरत पड़ेगीए संगठन साथ खड़ा रहेगा। थाना फ्रेंड्स कालोनी थाना प्रभारी गगन कुमार गौड़ ने बताया कि न्यायालय के आदेश पर मुख्य आरोपित महिला सिपाही प्रियंका, एसएसआई वीरेंद्र बहादुर सिंह, एसआई तरुण प्रताप समेत चार-पांच अज्ञात सिपाहियों के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज की गई है। मामले की विवेचना सीओ सिटी दरवेश कुमार करेंगे।