अस्पताल में लग रही डायरिया पीड़ितों की कतार
गर्मी हर तरह से लोगों के लिए आफत बनी हुई है। बीमारियों में खासतौर से डायरिया ने शिकंजा कस रखा है। हर दिन दर्जनों मरीज जिला अस्पताल में और इससे ज्यादा निजी चिकित्सकों के पास पहुंच रहे हैं।
जागरण संवाददाता, इटावा : गर्मी हर तरह से लोगों के लिए आफत बनी हुई है। बीमारियों में खासतौर से डायरिया ने शिकंजा कस रखा है। हर दिन दर्जनों मरीज जिला अस्पताल में और इससे ज्यादा निजी चिकित्सकों के पास पहुंच रहे हैं।
चिलचिलाती धूप और लू के थपेड़ों के चलते डायरिया के मरीज अचानक से बढ़ गए हैं। जिला अस्पताल के बाह्य रोगी विभाग में आने वाले मरीजों में डायरिया के मरीजों की संख्या 60 से 80 प्रतिदिन सामान्य है। शनिवार को मरीजों की संख्या 60 से ऊपर निकल गई। वहीं आधा दर्जन मरीजों को गंभीर हालत होने पर इमरजेंसी वार्ड में भर्ती करना पड़ा। अस्पताल के डॉ. पीके गुप्ता ने बताया कि इस समय डायरिया के मरीजों की संख्या बढ़ी है। गर्मी में पसीना अधिक आने से शरीर में पानी की कमी हो जाती है। दूषित खानपान, बाजार के कटे हुए फल या दूषित जूस पीने से भी डायरिया हो सकता है। संक्रमण से बचने के लिए कुछ भी खाने से पहले साबुन से अच्छी तरह हाथ जरूर धोएं। इसके अलावा हल्का व ताजा पका हुआ भोजन करें। रात में भारी व तेलीय भोजन न करें। डायरिया के लक्षण - दस्त आने के पहले हल्का पेट दर्द होना
- पानी के समान मल आना
- पेट दबाने पर पीड़ा होना
- हाथ-पैर ठंडे पड़ना
- शरीर में बेचैनी, थकान कमजोरी बरतें सावधानी - पानी को उबालकर ठंडा करने के बाद पीयें।
- दूषित खाद्य व पेय पदार्थों का सेवन न करें।
- बासी भोजन से परहेज करें।
- खुले में रखे फल व अन्य खाद्य पदार्थ ना खाएं।
- अधिक मिर्च-मसाले वाला खाना न लेकर हल्का भोजन ही लें।
- धूप में अधिक देर तक न रहें।
- उल्टी-दस्त होने पर नींबू-पानी या ओआरएस का घोल लें। यह करें उपाय जिला अस्पताल के परामर्शदाता डॉ. बीके साहू बताते हैं कि डायरिया के लक्षण होने पर ओआरएस या चीनी-नमक का घोल थोड़ी-थोड़ी देर बाद एक-एक कप पीएं। भोजन के रूप में दही-चावल या खिचड़ी खाएं। चावल का मांड, मूंग या मसूर की दाल का सूप, साबूदाना की खीर, छाछ या दही का सेवन करें। इससे डायरिया में जल्दी आराम मिलता है। शरीर में पानी की कमी न होने दें। डीहाइड्रेशन की स्थिति मरीज के लिए खतरनाक होती है।