नहर सूखी, मवेशियों को नहीं मिल रहा पीने का पानी
बकेवर । भोगनीपुर नहर सूखी पड़ी है। मवेशी पानी के लिए भटक रहे हैंए किसान अलग परेशान हैं। सूखी नहर बच्चों के लिए क्रिकेट का मैदान बन गई है। मई महीना बीतने को है और गर्मी भी दिनोदिन जोर पकड़ रही है। ऐसे में सभी को पेयजल किल्लत सता रही है। क्षेत्र का अधिकांशतरू हिस्सा भोगनीपुर नहर से आच्छादित होता है लेकिन इस समय नहर सूखी पड़ी है। ऐसे में मवेशियों के लिए पानी की किल्लत खड़ी हो गई है जबकि जायद की फसलें पैदा करने वाले किसान सिचाई के लिए परेशान है। नहर की इस
संवाद सूत्र, बकेवर : भोगनीपुर नहर सूखी पड़ी है। मवेशी पानी के लिए भटक रहे हैं, किसान अलग से परेशान हैं। सूखी नहर बच्चों के लिए क्रिकेट का मैदान बन गई है। मई महीना बीतने को है और गर्मी भी दिनोंदिन जोर पकड़ रही है। ऐसे में सभी को पेयजल किल्लत सता रही है। क्षेत्र का अधिकांश हिस्सा भोगनीपुर नहर से आच्छादित होता है लेकिन इस समय नहर सूखी पड़ी है। ऐसे में मवेशियों के लिए पानी की किल्लत खड़ी हो गई है जबकि जायद की फसलें पैदा करने वाले किसान सिचाई के लिए परेशान हैं। नहर की इस मुख्य शाखा से कई माइनर व रजबहे निकले हैं लेकिन सभी सूखे पड़े हैं। मजे की बात तो यह है कि बच्चों ने खाली नहर को खेल का मैदान बना लिया है। नंदपुरा निवासी किसान विनय दीक्षित बताते हैं कि भोगनीपुर नहर पर निर्भर किसानों ने अपने खेतों में जायद की फसल इस अरमान के साथ तैयार की थी कि मई जून की झुलसती गर्मी में उन्हें सिचाई के लिए भरपूर पानी मिलेगा और बोई गयी फसल जब खेंतों मे लहलहाने लगी तो नहर के पानी ने धोखा दे दिया जिसके चलते अब फसल सूखने लगी है। वह बताते हैं कि जायद की फसल को सिचाई के पानी की ज्यादा आवश्यकता रहती है। लखना निवासी किसान विनोद सिंह राजावत बताते है कि गेहूं की फसल खेतों से उठने के बाद अब खेतों में धान की नर्सरी डालने का समय चल रहा है। नहर में पानी न होने से लोग धान की नर्सरी भी नहीं डाल पा रहे हैं। भारतीय किसान यूनियन के पदाधिकारी ध्यान सिंह यादव, गणेश त्रिपाठी, सपा नेता बृजेन्द्र दुबे चुन्नू ने प्रशासन से नहर मे शीघ्रातिशीघ्र पानी छोड़े जाने की मांग की। इस संबंध में भोगनीपुर प्रखंड के अधिशासी अभियंता राम सागर ने बताया कि निर्धारित रोस्टर के अनुसार 15 जून तक नहर में पानी छोड़ा जाएगा।