झोला छाप के इलाज से किशोरी की मौत
थाना चौबिया क्षेत्र के अंतर्गत ग्राम जगन्नाथपुरा में अपनी बहन का इलाज कराने आए भाई को इलाज के दौरान उसकी जान से हाथ धोना पड़ा।
संवादसूत्र, बरालोकपुर : थाना चौबिया क्षेत्र के अंतर्गत ग्राम जगन्नाथपुरा में अपनी बहन का इलाज कराने आए भाई को इलाज के दौरान उसकी जान से हाथ धोना पड़ा। झोला छाप की लापरवाही से 17 वर्षीय किशोरी की मौत हो गई। परिवारीजनों का घटना के बाद रो-रोकर बुरा हाल था। रिकी देवी उम्र 17 वर्ष पुत्री अहिबरन सिंह को शुक्रवार को बुखार आया था। परिजन उसे जालिमपुरा चौराहा पर एक झोला छाप के यहां लेकर पहुंचे थे। उसने इलाज करना शुरू कर दिया लेकिन रिकी को आराम नहीं मिला। झोला छाप ने पैसे ऐंठने के चक्कर में दिलासा देते हुए आराम मिल जाने की बात कहकर तीन दिन तक इलाज किया। तेज बुखार में बोतल भी चढ़ा दी जिससे रिकी की हालत बिगड़ती चली गई। जब उसकी हालत ज्यादा बिगड़ी तो परिजन उसे लेकर सैफई मेडिकल यूनिवर्सिटी लेकर चले गये।
सैफई के डॉक्टरों ने परिजनों से झोला छाप से बात कराने को कहा ताकि यह जानकारी मिल सके कि रिकी को कौन सी दवा व बोतल चढ़ाई गई थी। जब रिकी के भाई नीलेश कुमार ने झोला छाप से बात करना चाही तो उसने अपना मोबाइल बंद कर लिया। कुछ परिजन उसकी दुकान पर पहुंचे तो झोला छाप ने उनके साथ अभद्रता की और उन्हें भगा दिया। और मौके से दुकान बंद करके भाग गया। सैफई में इलाज के दौरान सोमवार की रात्रि को रिकी की मौत हो गई। रिकी के भाई नीलेश ने बताया कि गलत दवा के कारण उसकी बहन की जान गई। मामले की जानकारी पुलिस को दी गई। पुलिस ने पहुंचकर जांच पड़ताल की, वहीं ग्राम पंचायत सरसई हेलू के प्रधान संतोष भदौरिया ने बताया कि क्षेत्र में झोला छाप इलाज के नाम पर लूट कर रहे हैं। गांव में स्वास्थ्य विभाग की टीम पहुंची स्वास्थ्य विभाग को किशोरी की मौत की जानकारी मिलने पर सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र प्रभारी डा. विकास सचान के नेतृत्व में टीम पहुंची और गांव में बीमार चल रहे और लोगों का इलाज किया। बीमार चल रहे दलवीर, अनुष्का, मीरा देवी, शैलेष कुमार, विमल कुमार, शिवम सिंह, श्याम सिंह को दवाई दी गई। करीब साठ लोगों को दवाएं बांटी गईं। सीएचसी प्रभारी डा. विकास सचान ने बताया कि रिकी की मौत बुखार से नहीं हुई है बल्कि उसे इंफेक्शन हो गया था। उसके इलाज में लापरवाही की गई थी।