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Mulayam Singh Yadav के जन्मदिवस पर सैफई में हवन, शिवपाल ने डालीं आहूतियां, अखिलेश ने भी दी श्रद्धांजलि

समाजवादी पार्टी धरती पुत्र दिवस के रूप में नेताजी मुलायम सिंह यादव का जन्म दिवस मना रही है इसी क्रम में सैफई में मेडिकल यूनिवर्सिटी के डॉक्टरों द्वारा आयोजित हवन कार्यक्रम में पहुंचे प्रसपा अध्यक्ष शिवपाल सिंह यादव ने आहूतियां डालकर भाई को याद किया।

By Abhishek AgnihotriEdited By: Published: Tue, 22 Nov 2022 11:53 AM (IST)Updated: Tue, 22 Nov 2022 11:53 AM (IST)
Mulayam Singh Yadav के जन्मदिवस पर सैफई में हवन, शिवपाल ने डालीं आहूतियां, अखिलेश ने भी दी श्रद्धांजलि
सैफई में शिवपाल सिंह यादव ने हवन में आहूति डालकर भाई को याद किया।

इटावा, जागरण संवाददाता। समाजवादी पार्टी के संस्थापक नेताजी मुलायम सिंह यादव का जन्मदिवस पार्टी धरती पुत्र दिवस के रूप में मना रही है। इस कड़ी में पैतृक ग्राम सैफई में समाधि स्थल पर आयोजित हवन कार्यक्रम में मंगलवार की सुबह शिवपाल सिंह यादव ने आहूतियां डालकर भाई को याद किया। दोपहर बाद पूर्व मुख्यमंत्री बेटे अखिलेश यादव भी पहुंचे और समाधि स्थल पर पुष्प अर्पित करके श्रद्धांजलि दी। 

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सैफ़ई ग्राम में सपा संस्थापक रहे मुलायम सिंह यादव नेताजी के समाधि स्थल पर मंगलवार की सुबह सैफ़ई मेडिकल यूनिवर्सिटी के डाक्टरों ने हवन-पूजन का आयोजित किया। हवन में शामिल होने पहुंचे प्रगतिशील समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष शिवपाल सिंह यादव ने आहुति देकर नेताजी को श्रद्धांजलि दी। मेडिकल यूनिवर्सिटी के डॉक्टरों ने समाधि स्थल पर हवन में आहूति देकर श्रद्धांजलि अर्पित की। 

दोपहर 12 बजे पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव अपने चचेरे भाई पूर्व सांसद धर्मेंद्र यादव व सपा के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष किरनमय नंदा के साथ समाधि स्थल पर पहुंचे और पुष्प अर्पित किए। नेताजी मुलायम सिंह यादव के जन्मदिवस को समाजवादी पार्टी धरती पुत्र दिवस के रूप में मना रही है। इसी क्रम में सैफई के महोत्सव पंडाल में श्रद्धांजलि सभा का आयोजन किया गया। 

बतातें चलें कि समाजवादी पार्टी के संस्थापक मुलायम सिंह यादव का जन्म सैफई ग्राम में 22 नवंबर 1939 को हुआ था। 83 वर्ष की आयु में बीमारी के चलते गुरुग्राम के अस्पताल में उपचार के दौरान 10 अक्टूबर 2022 को निधन हो गया था। पूर्व मुख्यमंत्री बेटे अखिलेश यादव ने गुरुग्राम से पार्थिव शरीर सैफई लाने के बाद दूसरे दिन पारिवारिक भूमि पर पिता काे मुखाग्नि देकर अंतिम संस्कार किया था। बाद में हरिद्वार और प्रयागराज के संगम में उनकी अस्थियाें का विसर्जन किया था।


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