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सैफई मेडिकल यूनिवर्सिटी रैगिंग प्रकरण में सात छात्र दोषी, एमसीआइ ने भी 24 घंटे में मांगा जवाब

कुलपति प्रो. राजकुमार को मिली एंटी रैगिंग कमेटी की रिपोर्ट में वर्ष 2018 बैच के सात छात्रों को दोषी माना गया है।

By Umesh TiwariEdited By: Published: Thu, 22 Aug 2019 09:50 PM (IST)Updated: Thu, 22 Aug 2019 11:05 PM (IST)
सैफई मेडिकल यूनिवर्सिटी रैगिंग प्रकरण में सात छात्र दोषी, एमसीआइ ने भी 24 घंटे में मांगा जवाब
सैफई मेडिकल यूनिवर्सिटी रैगिंग प्रकरण में सात छात्र दोषी, एमसीआइ ने भी 24 घंटे में मांगा जवाब

इटावा, जेएनएन। उत्तर प्रदेश आयुर्विज्ञान विश्वविद्यालय सैफई के कैंपस में रैगिंग को दो दिन तक नकारने के बाद यूनिवर्सिटी प्रशासन ने गुरुवार शाम सच्चाई कबूल ली। एंटी रैगिंग कमेटी की गुरुवार देर शाम कुलपति प्रो. राजकुमार को मिली रिपोर्ट में वर्ष 2018 बैच के सात छात्रों को दोषी माना है। कमेटी ने दोषी छात्रों पर 25 हजार रुपये का आर्थिक दंड लगाने व एक माह तक छात्रावास और कक्षाओं से प्रतिबंधित करने की सिफारिश की है। इन छात्रों पर जल्द एफआइआर की तैयारी है।

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यूनिवर्सिटी कैंपस में जूनियर छात्रों से रैगिंग की बात को झुठलाते हुए कुलपति ने सिर मुड़वाने को संस्कार करार दिया था, लेकिन सच्चाई तब कबूली गई, जब डीएम ने अपनी जांच रिपोर्ट में विश्वविद्यालय को दोषी मानते हुए रैगिंग होने संबंधी रिपोर्ट चिकित्सा विभाग के प्रमुख सचिव को रिपोर्ट भेज दी। वहीं, सैफई मेडिकल यूनिवर्सिटी में रैगिंग को लेकर मेडिकल काउंसिल ऑफ इंडिया (एमसीआइ) ने भी यूनिवर्सिटी को नोटिस जारी करते हुए 24 घंटे में जवाब मांगा है। पूछा है, क्यों न यूनिवर्सिटी पर 1.50 करोड़ रुपये का जुर्माना लगाते हुए दोषी छात्रों को एक माह के लिए निलंबित कर दें?

ये छात्र दोषी

कुलपति प्रो. राजकुमार ने एंटी रैगिंग कमेटी के अध्यक्ष डॉ. राजेश वर्मा, डॉ. अलका पाठक, डॉ. नरेश पाल सिंह, डॉ. दुर्गेश कुमार, डॉ. नंद किशोर गुप्ता, मिथलेश दीक्षित, नवीन दीपांशी महेश्वरी, हरिओम गुप्ता व अनन्या की मौजूदगी में सात छात्रों को दोषी माना है। इनमें अभिषेक राणा, अभिषेक सिंह, रीतेष सिंह, रूसल नागर, वैभव सिंह, रंजीत कुमार व प्रतीक सिंह शामिल हैं। जांच कमेटी ने वर्ष 2019 के प्रथम वर्ष के छात्रों के बयान लिए। 105 छात्र व 55 छात्राओं ने रैगिंग की घटना से इन्कार किया और स्वेच्छा से सिर मुड़वाने की बात कही। कैंपस में मुंडन या रैगिंग से इन्होंने इन्कार किया। वहीं, पांच छात्रों व चार छात्राओं ने सीनियर के रैगिंग करने की बात कही है। इसमें से एक छात्र ने पांच सीनियर छात्रों के नाम भी वाट्सएप पर एंटी रैगिंग कमेटी को भेजे थे। कुलपति प्रो. राजकुमार ने बताया कि कमेटी की रिपोर्ट पर कार्रवाई की जा रही है।

जांच कमेटी ने नकार दी थी रैगिंग

विश्वविद्यालय के प्रतिकुलपति डॉ. रमाकांत यादव, डीन डॉ. पीके जैन, डीन स्टूडेंट वेलफेयर डॉ. कल्वे जव्वाद, वार्डन डॉ. गणेश कुमार की कमेटी ने रैगिंग से इन्कार किया था। हालांकि, विस्तृत जांच एंटी रैगिंग कमेटी से कराने की सिफारिश की थी। कुलपति ने यह जांच तब बैठाई थी, जब 198 जूनियर छात्रों का सिर मुंडवाने का वीडियो मीडिया में आया। वहीं, अब एमसीआइ के सेक्रेटरी जनरल डॉ. आरके वत्स ने भी यूनिवर्सिटी को नोटिस देते हुए पूछा है कि क्यों न रैगिंग रोकने के लिए बनाए गए एक्ट के तहत विश्वविद्यालय पर कार्रवाई हो और सीनियर छात्रों को एक माह के लिए सस्पेंड कर दिया जाए? 24 घंटे में इसका जवाब देना है। इसे लेकर बुधवार को कई बैठकें हुईं। कुलपति ने कहा नोटिस का जवाब दे रहे हैं।

डीएम की जांच में विश्वविद्यालय प्रशासन दोषी

डीएम जेबी सिंह ने एसडीएम सत्यप्रकाश मिश्रा व सीओ मस्सा सिंह की कमेटी से जांच कराई तो विश्वविद्यालय प्रशासन दोषी निकला। डीएम ने प्रमुख सचिव चिकित्सा शिक्षा को भेजी रिपोर्ट में कहा है कि विश्वविद्यालय प्रशासन ने मामले को गंभीरता से नहीं लिया। इसे छुपाने का प्रयास किया। एंटी रैगिंग सेल ने कार्रवाई नहीं की है। हालांकि छात्रों ने खुलकर शिकायत नहीं की, क्योंकि उन्हें यही पढ़ना है। फिर भी, जिस तरीके से सामूहिक रूप से 198 छात्रों के सिर मुड़वाए गए हैं, उससे रैगिंग साफ तौर पर प्रतीत होती है।

फैक्ट फाइंडिंग कमेटी करेगी जांच

उत्तर प्रदेश आयुर्विज्ञान विश्वविद्यालय सैफई में रैगिंग के मामले को लेकर शासन ने जिलाधिकारी को फैक्ट फाइंडिंग कमेटी गठित कर जांच कराने के निर्देश दिए हैं। जिलाधिकारी जेबी सिंह ने बताया कि इस कमेटी में सीडीओ राजा गणपति आर, एडीएम ज्ञान प्रकाश श्रीवास्तव, एडीशनल एसपी ओमवीर सिंह, जिला विद्यालय निरीक्षण राजू राणा को रखा जा रहा है। इस कमेटी को बुधवार तक अपनी रिपोर्ट देनी है। माना जा रहा है कि कई जांचों को दरकिनार करते हुए शासन ने नए सिरे से वरिष्ठ अधिकारियों की देखरेख में जांच कराने के निर्देश जारी किए हैं।

यह था मामला

सैफई आयुर्विज्ञान विश्वविद्यालय में इस बार प्रथम वर्ष में 200 छात्र-छात्राओं ने प्रवेश लिया। इनकी रैगिंग रोकने के लिए हॉस्टल से लेकर कक्षाओं तक कड़ी सुरक्षा के इंतजाम करने का दावा यूनिवर्सिटी प्रशासन द्वारा किया गया। बावजूद इसके सीनियर्स का आदेश हॉस्टलों तक पहुंच गया, जिसमें उन्हें हॉस्टल से कॉलेज आने जाने के दौरान सिर झुकाकर लाइन में लगकर चलने का फरमान सुनाया गया। कैंपस से निकलते समय इन छात्रों को एप्रेन के थर्ड बटन पर सिर करने को कहा गया है। छात्रों के अनुसार रैगिंग पिछले छह दिनों से चल रही है। इसमें छात्राओं को भी नहीं बख्शा गया। उनको भी चोटी बांधने के निर्देश दिए गए। बताया गया है कि सलाम न करने पर बीते दिनों अवकाश के दौरान ही सभी छात्रों का सिर मुड़वा दिया था। इसके बाद कुलपति ने जांच कमेठी गठित की थी।


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