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बीहड़ क्षेत्र में चेकडैम बने पशु पक्षियों के लिए संजीवनी

जागरण संवाददाता इटावा लघु सिचाई विभाग द्वारा बीहड़ के चकरनगर ब्लाक में चार स्थानों सिड

By JagranEdited By: Published: Mon, 05 Apr 2021 05:17 PM (IST)Updated: Mon, 05 Apr 2021 07:01 PM (IST)
बीहड़ क्षेत्र में चेकडैम बने पशु पक्षियों के लिए संजीवनी
बीहड़ क्षेत्र में चेकडैम बने पशु पक्षियों के लिए संजीवनी

जागरण संवाददाता, इटावा : लघु सिचाई विभाग द्वारा बीहड़ के चकरनगर ब्लाक में चार स्थानों सिडौस, बंसरी, पसिया, विडवाकला में चेकडैम बनाए गए हैं। इससे बीहड़ में बारिश के दिनों में बहने वाले पानी को काफी हद तक बचाया जा सकेगा। अभी तक बीहड़ में पानी को रोकने की कोई व्यवस्था नहीं थी। यह चेकडैम लघु सिचाई विभाग ने पिछले वर्ष बनाए थे। इनमें से प्रत्येक पर करीब 20 लाख रुपये की लागत आई है। बीहड़ी क्षेत्र में बबलू के पेड़ों के साथ-साथ ऊंचे नीचे पहाड़ होने के साथ-साथ बारिश में यहां का पानी खारों में बहकर निकल जाता है। इसका कोई उपयोग वहां के किसान नहीं कर पाते हैं और न ही यह पानी किसी अन्य कार्य में प्रयोग हो पाता है। खारों के रास्ते चंबल, यमुना नदियों में यह पानी प्रतिवर्ष बह जाता है। लघु सिचाई विभाग के द्वारा चेकडेम बनाए जाने के बाद 30 हजार घनमीटर पानी प्रतिवर्ष बचाया जा सकेगा। जो पानी बहकर जा रहा है उसे रोका जाएगा। इसका भूजल में रीचार्ज के रूप में प्रयोग किया जाएगा। किसान सिचाई के रूप में इस पानी का उपयोग कर रहे हैं। पशु पक्षियों को मिली संजीवनी बीहड़ी क्षेत्र में बड़ी संख्या में वन्य जीव व पशु पक्षी पाए जाते हैं। चंबल सैक्चुअरी क्षेत्र होने के कारण क्षेत्र में इनकी संख्या अधिक है। मई जून के मौसम में पानी की कमी होने पर यह चेकडैम काफी मददगार साबित होते हैं। जिससे पशु पक्षियों को अपनी प्यास बुझाने में काफी मदद मिलती है। बारिश के मौसम में इन चेकडैम में एकत्रित हुआ पानी जनवरी माह तक बना रहता है। उसके बाद सूख जाता है। जनपद के बीहड़ ब्लाक चकरनगर में चार चेकडैम बनाए गए थे। इन चेकडैम से सिचाई, भूजल रीचार्ज, पशु पक्षियों की प्यास बुझाने का काम अच्छे ढंग से हो रहा है। प्रतिवर्ष 30 हजार घन मीटर पानी की बर्बादी इन चेकडैम के बनने से रोकी जा रही है।

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वीर सिंह राजपूत, सहायक अभियंता लघु सिचाई


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