अशिक्षित नारी शक्ति को साक्षर बनाने में जुटीं राजदा खातून राज
जागरण संवाददाता इटावा किसी शायर ने कहा है कि विपरीत परिस्थितियों को अवसर में बदलने क
जागरण संवाददाता, इटावा : किसी शायर ने कहा है कि विपरीत परिस्थितियों को अवसर में बदलने का जुनून रखने वाले ही नई इबारत लिखते हैं। इसी जज्वे से बच्चों एवं ग्रामीणों को शिक्षित एवं संस्कारित करने का काम राजदा खातून राज द्वारा किया जा रहा है। वह पुरुषों की परवाह न करते हुए भी गांव गली की अशिक्षित महिलाओं व किशोरियों को शिक्षित करने के काम में जुटी हुई हैं। परिणाम स्वरूप सैफई तहसील की 150 से अधिक निरक्षर महिलाओं को दस्तखत करना सिखा दिया तथा 100 से अधिक किशोरियों को शिक्षा की अलख जगाकर उनको पढ़ना-लिखना सिखा दिया।
सैफई क्षेत्र के नगला देवसन में शिक्षिका के रूप में कार्यरत राजदा ने संकल्प लिया कि वह हर वर्ग की महिलाओं को साक्षर करके ही दम लेंगी। सरकार ने जो बेटी बचाओ-बेटी पढ़ाओ का नारा दिया है उसे आत्मसात करके ही गांव गली की महिलाओं को लड़का-लड़की के भेद को बताकर भ्रूण हत्या रोकने के लिए महिलाओं व पुरुषों को बाध्य कर दिया। गांव में लोग लड़की को हृेय ²ष्टि से देखते हैं, लड़के को वरीयता दी जाती है। लेकिन इस प्रथा को नेस्तनाबूत करके लड़की की भी पहचान बना दी।
जो महिलाएं गृहकार्य से जुड़ी हुई हैं उनको गृहकार्य के साथ शिक्षा पर जोर देने का अभियान चलाया जो सफलता के आयाम तक पहुंचा। अब तो हालत यह है कि गांवों के जो पुरुष उन्हें देखकर नफरत भरी नजरों से देख रहे थे, आज वही खुशी की नजर से देखकर सम्मान देने लगे हैं। गांव की लड़कियां आज पढ़ लिखकर गर्व महसूस करती हैं। शहर आने पर किसी तरह की परेशानी महसूस नहीं करती हैं। इसके लिए वह राजदा खातून का धन्यवाद अदा करना नहीं भूलती हैं।