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कोल्ड स्टोरेज से आलू की निकासी रुकी,किसान चिंतित

मो. आसिफ खान जसवंतनगर बाहरी प्रांतों में आलू की मांग इस साल कम होने से आलू उत्पादक कि

By JagranEdited By: Published: Mon, 02 Aug 2021 05:00 PM (IST)Updated: Mon, 02 Aug 2021 05:00 PM (IST)
कोल्ड स्टोरेज से आलू की निकासी रुकी,किसान चिंतित
कोल्ड स्टोरेज से आलू की निकासी रुकी,किसान चिंतित

मो. आसिफ खान, जसवंतनगर : बाहरी प्रांतों में आलू की मांग इस साल कम होने से आलू उत्पादक किसानों और शीतगृह मालिकों के चेहरों पर चिता की लकीरे स्पष्ट दिखाई दे रही हैं। शीतगृह में भंडारित आलू की मुश्किल से 20 से 25 प्रतिशत ही निकासी हुई है। जबकि गत वर्ष इस अवधि में 40 प्रतिशत से ज्यादा आलू की निकासी हो गयी थी। आलू का लदान प्राय: मुम्बई, झांसी, इंदौर, नागपुर, दिल्ली, बिहार, राजस्थान आदि को होता है। वहां भाव अन्य मंडियों से बराबर आलू आने और पंजाब व हल्द्वानी आदि में नये आलू की अच्छी पैदावार होने के कारण डिमांड नहीं बढ़ी है। इसलिए भंडारित आलू के भाव तेज नहीं हुए हैं। आलू भंडारण फरवरी मार्च महीनों में पूरा हो जाता है। पिछले वर्ष शीतगृह 80 प्रतिशत ही अपनी क्षमता के मुताबिक भंडारित हुए थे। जबकि इस बार सभी में आलू लबालब भर गया था। पिछले वर्ष आलू मई महीने में निकासी के समय 400-500 रुपये प्रति पैकेट के भाव था। एक पैकेट में 50 से 52 किलो तक आलू होता है। पिछले वर्ष जुलाई तक निकासी 40 प्रतिशत से ज्यादा हो जाने से सितंबर-अक्टूबर में आलू की डिमांड काफी होने से भाव प्रति पैकेट 1100-1200 रुपये हो गया था। आलू भंडारण करने वाले व्यापारियों ने भी जमकर कमाई की थी और नवंबर आते आते सभी शीतगृह खाली हो गए थे। भाव में कमी से निकासी धीमी शीतगृह प्रबंधक मधुकांत मिश्रा का कहना है कि शीतगृहों से आलू निकासी की गति इसलिए धीमी है कि भाव 350 से 500 के बीच अच्छे आलू का है। किसान बीते वर्ष की तरह 800 से ऊपर के भाव की उम्मीद में निकासी नही कर रहा है। प्रबंधक नरेंद्र मिश्रा और पार्टनर रवि दीक्षित ने बताया कि यहां से आलू अन्य राज्यों में जाता था। लेकिन अब उसकी मांग कम हो गई है। आलू भाव बढ़ने की उम्मीद कम कई शीतगृह मालिकों का कहना है कि अभी तक बाहरी प्रांतों में आलू की जो फसलें इस समय होतीं हैं, उनकी अच्छी पैदावार की खबर है। आलू बीज की बोआई की जरूरत के समय मात्र 15 प्रतिशत ही है। इससे शीतगृहों में भारी मात्रा में आलू भंडारित है। उसके भाव बहुत ज्यादा बढ़ने की संभावना कम है। आलू एक नजर - जनपद में रकवा : 19 हजार हेक्टेयर

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- उत्पादन : 50 लाख मीट्रिक टन

- कोल्ड स्टोर : 54


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