चुनाव ड्यूटी पर फार्मासिस्ट, दवा को भटक रहे मरीज
भीषण गर्मी अनेक बीमारियों की वजह बन रही है। ग्रामीण इलाकों से लेकर शहर व कस्बों में संचालित सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र व प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों के साथ महिला जिला अस्पताल व पुरुष जिला अस्पताल में तैनात भी फार्मेसिस्टों की चुनाव ड्यूटी लगी होने के कारण स्वास्थ्य सेवाएं प्रभावित हो रही हैं।
जागरण संवाददाता, इटावा : भीषण गर्मी अनेक बीमारियों की वजह बन रही है। ग्रामीण इलाकों से लेकर शहर व कस्बों में संचालित सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र व प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों के साथ महिला जिला अस्पताल व पुरुष जिला अस्पताल में तैनात भी फार्मेसिस्टों की चुनाव ड्यूटी लगी होने के कारण स्वास्थ्य सेवाएं प्रभावित हो रही हैं। मौसम जनित बीमारियां बढ़ने से जिला अस्पताल में मरीजों की लाइन लग रही है। सबसे अधिक भीड़ पसीना जनित बीमार मरीजों की हो रही है। चिकित्सक को जहां गर्दन उठाने की फुर्सत नहीं मिल रही है, वहीं दवा की खिड़की पर फार्मेसिस्टों के अभाव में दवा मिलने में भी मरीजों को घंटों इंतजार करना पड़ रहा है। हालत यह कि मरीज भी पसीने से तरबतर हो रहे हैं। ग्रामीण क्षेत्रों में संचालित सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों व प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों पर भी मरीजों की खासी भीड़ देखी जा रही है। जिला अस्पताल में अल्ट्रासांउड बंद रहने से मरीजों को वापस लौटना पड़ रहा है। इसी प्रकार कई चिकित्सकों की वीवीआईपी ड्यूटी लगी होने के कारण मरीजों को उपचार नहीं मिल सका। फार्मासिस्ट संगठन के जिलाध्यक्ष डा. जेएन वर्मा ने बताया कि महिला जिला अस्पताल से 4, पुरुष जिला अस्पताल से 7, जिला टीबी अस्पताल से 1, सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र बसरेहर से 4, सीएचसी महेवा से 4 तथा जसवंतनगर सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र से 4 सहित जनपद की 28 प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों तथा 8 सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र के 45 से अधिक फार्मेसिस्ट चुनाव ड्यूटी में लगाए गए हैं। जिला प्रशासन को मेडिकल बोर्ड की संस्तुति के साथ फार्मेसिस्टों की तैनाती न करने की सिफारिश की गई थी, बावजूद इसके चुनाव ड्यूटी नहीं काटी गई है। सीमित संसाधनों से ही मरीजों को दवा वितरण कराने की जिम्मेदारी दी गई है। डा. एसएस भदौरिया, मुख्य चिकित्साधीक्षक जिला अस्पताल