विलेज क्वारंटाइन सेंटर में रखे जाएंगे प्रवासी
विलेज क्वारंटाइन सेंटर में रखे जाएंगे प्रवासी
हेम कुमार शर्मा, इटावा :
कोरोना संकट की वजह से देश भर में लॉकडाउन के बीच बड़े शहरों से कामगारों के पलायन से विकट हालात हो गए हैं। मजदूर और फैक्ट्री कर्मी अपने जिले और गांवों की ओर भागे चल आ रहे हैं। इटावा में करीब पांच से छह हजार प्रवासी आ चुके हैं और आने का सिलसिला अभी जारी ही है। कोरोना की मची दहशत के बीच बाहर से आ रहे इन प्रवासियों को भी भय की दृष्टि से देखा जा रहा है। प्रशासन ने इनकी सेहत की जांच और क्वारंटाइन की व्यवस्था कर दी है। संक्रमण की शंका के घेरे में आए प्रवासियों को घर के बजाय प्राइमरी-जूनियर स्कूल के भवनों तथा पंचायतघरों में बनाए गए विलेज क्वारंटाइन सेंटर में रखा जाएगा। ये ग्राम प्रधान की निगरानी में 14 दिन एकांतवास में रहेंगे। इस दौरान चिकित्सीय टीम स्वास्थ्य परीक्षण करती रहेगी।
प्रशासन मुख्यालय पर स्थापित कंट्रोलरूम के जरिए जिले के 471 ग्राम प्रधानों से सूचना लेकर प्रवासियों का चेकअप करा रहा है। जिनके संक्रमित होने की शंका हुई, उनको घर पर क्वारंटाइन कराया जा रहा है। कई प्रवासी चिकित्सकों की सलाह नहीं मान रहे हैं और घर से बाहर निकल दूसरों के लिए खतरा बन रहे थे। यह देख प्रशासन ने नया तरीका निकाला है। जिन-जिन ग्राम पंचायत क्षेत्रों में प्रवासी आए हैं, वहां विलेज क्वारंटाइन सेंटर बनवा दिए गए हैं। प्रत्येक सेंटर को सैनिटाइज कराकर डेढ़-डेढ़ मीटर की दूरी पर बेड रखे गए हैं। स्वच्छता पर विशेष ध्यान दिया जा रहा है। बढ़पुरा ब्लाक के ग्राम प्रधान राजकुमार भारद्वाज ने परिषदीय विद्यालय को विलेज क्वारंटाइन सेंटर में परिवर्तित करा दिया है। बसरेहर क्षेत्र के ग्राम कृपालपुर, ताखा ब्लाक क्षेत्र के ग्राम मोहारी में सेंटर बना दिए गए हैं। ग्राम पंचायत बुलाकीपुर लुहन्ना में आइसोलेशन की व्यवस्था की गई है।
-------- विलेज क्वारंटाइन सेंटर बनाए जाने से ग्रामीण क्षेत्रों की स्वास्थ्य सेवा बेहतर होगी। क्वारंटाइन किए गए प्रवासी इन सेंटरों में ग्राम प्रधान की देखरेख में 14 दिन रहेंगे। इस दौरान प्रवासी के स्वजन भी सेंटर में नहीं जाएंगे।
-राजा गणपति आर.
सीडीओ