सीटी स्कैन न होने से जा रही मरीजों की जान
6 मई सुशील पांडेय पुत्र नीरज पांडेय 36 वर्ष निवासी शुक्ला गंज उन्नाव किसी कार्य से महेवा आये हुए थे। वापस बाइक से जब जा रहे थे उसी दौरान महेवा के आगे सिक्सलेन हाईवे पर किसी वाहन ने टक्कर मार दी। सिर में चोट लगने से हालत खराब हो गई उनको जिला अस्पताल लाया गया जहां पर उनका सीटी स्कैन नहीं हो सका बाद में उन्होंने दम तोड़ दिया।
केस एक: एक मई को उन्नाव के शुक्लागंज निवासी 36 वर्षीय सुशील पांडेय महेवा आये थे। वापस जाते समय सिक्सलेन हाईवे पर किसी वाहन ने उनकी बाइक में टक्कर मार दी। सिर में गंभीर चोट लगी। उनको जिला अस्पताल लाया गया, लेकिन यहां सीटी स्कैन नहीं होने से रेफर कर दिया गया। रास्ते में उन्होंने दम तोड़ दिया।
केस- दो: 8 मई को कोतवाली इटावा के गाड़ीपुर निवासी 40 वर्षीय राजू गुप्ता हादसे में घायल हो गए। उनको जिला अस्पताल लाया गया। यहां सीटी स्कैन न हो पाने के कारण सैफई रेफर कर दिया गया। लेकिन रास्ते में ही उनकी मौत हो गई। जागरण संवाददाता, इटावा: तीन हाईवे व चार रेलवे लाइनों के किनारे बसे इटावा की सरकारी स्वास्थ्य सेवा अभी भी हादसे में गंभीर रूप से घायलों के लिए तैयार नहीं है। उपरोक्त दो केस तो उदाहरण हैं। हर माह यहां ऐसे दर्जन भर मामले मिल जाएंगे। डॉ. भीमराव आंबेडकर जिला अस्पताल में सीटी स्कैन की सुविधा न होने से ऐसे कई मरीजों की जान जा रही है। जबकि यहां सीटी स्कैन मशीन स्थापित है। आकड़ों को देखें तो हर माह 20 से 25 मौतें जांच के अभाव में हो रही हैं। डॉक्टरों का कहना है कि हाईवे के किनारे होने से रोजना दुर्घटना में गंभीर रूप से घायल मरीज आते हैं। इसके अलावा हर माह ब्रेन हेमरेज के करीब एक दर्जन मामले आते हैं। लेकिन, यहां जरूरी जांच न होने से उन्हें सैफई मेडिकल यूनिवर्सिटी के लिए रेफर कर दिया जाता है। इसमें कई की रास्ते में ही मौत हो जाती है। इसमें ज्यादा संख्या सिर में चोट लगने वालों की होती है।
18 लाख की मशीन फांक रही धूल
लंबे समय से चल रही मांग के बाद 6 माह पहले यहां सीटी स्कैन यूनिट तैयार करा दी गई। दो माह पहले 18 लाख की लागत से सीटी स्कैन मशीन भी लग गई। लेकिन चालू आज तक नहीं हुई।
कहां फंसा है पेच
सीटी स्कैन यूनिट का ठेका हैदराबाद की एक फर्म को दिया गया है, लेकिन डॉक्टर व स्टाफ की व्यवस्था नहीं हो पा रही है। स्वच्छता में प्रथम सुविधा में जीरो
जिला अस्पताल को दो वर्षो से स्वच्छता व रखरखाव के लिए प्रदेश में प्रथम व द्वितीय स्थान का पुरस्कार दिया जा चुका है। लेकिन चिकित्सा सुविधाओं की हालत बदतर है। ::::::::::::::::::
जिला अस्पताल में सीटी स्कैन की व्यवस्था की जा रही है। यूनिट तैयार हो गई है। संचालन का ठेका भी दिया जा चुका है। कब चालू होगी, यह कार्यदाई संस्था पर निर्भर है।
डॉ. एसएस भदौरिया, मुख्य चिकित्साधीक्षक जिला अस्पताल