Move to Jagran APP

सेहत से खिलवाड़ कर बेचा जा रहा ऑक्सीटोसिन

संवादसूत्र, बकेवर : स्वास्थ्य के लिए हानिकारक ऑक्सीटोसिन पर सरकार ने पूरी तहर से प्रतिबंध ल

By JagranEdited By: Published: Fri, 08 Dec 2017 04:58 PM (IST)Updated: Fri, 08 Dec 2017 04:58 PM (IST)
सेहत से खिलवाड़ कर बेचा जा रहा ऑक्सीटोसिन
सेहत से खिलवाड़ कर बेचा जा रहा ऑक्सीटोसिन

संवादसूत्र, बकेवर : स्वास्थ्य के लिए हानिकारक ऑक्सीटोसिन पर सरकार ने पूरी तहर से प्रतिबंध लगा रखा है। बावजूद इसके क्षेत्र में प्रतिबंधित ऑक्सीटोसिन खुलेआम बिक रही है। इसका प्रयोग बड़ी संख्या में पशुपालक व किसान कर रहे हैं। आंकड़ों में यह इंजेक्शन भले ही प्रतिबंधित हो लेकिन इसे आसानी से मेडिकल स्टोरों व परचून की दुकानों से लिया जा सकता है। पशुपालक और सब्जी उत्पादक किसान इस हानिकारक इंजेक्शन का प्रयोग कर लोगों के स्वास्थ्य से खिलवाड़ कर रहे हैं।

loksabha election banner

ग्रामीण अंचलों में ज्यादातर पशु पालक पशुओं से ज्यादा से ज्यादा दूध लेने के लालच में ऑक्सीटोसिन इंजेक्शन लगा रहे हैं। इस इंजेक्शन से दूध तो ज्यादा निकल आता है, लेकिन इसके परिणाम काफी घातक होते हैं। चिकित्सक बताते हैं कि इस तरह से निकाले गए दूध का सेवन करने से मानव शरीर में कई गंभीर बीमारियां होने की संभावना बनी रहती है। इसके साथ ही पशुओं में बांझपन की समस्या उत्पन्न हो जाती है ।

सब्जी उत्पादक भी करते हैं प्रयोग

सब्जी उत्पादक भी इस इंजेक्शन का प्रयोग करते है। किसानों की माने तो इसका प्रयोग लौकी, तोरई, काशीफल, शिमला मिर्च, करेला, परवल आदि सब्जियों को जल्दी तैयार करने के लिए इस इंजेक्शन का प्रयोग करते हैं। ऑक्सीटोसिन इंजेक्शन का प्रयोग से तैयार सब्जी के सेवन से कैंसर, आंख, लीवर और पेट संबंधी बीमारी हो जाती है। क्षेत्र की जनता ने इस तरफ ध्यान देने की शासन से मांग की है।

---------------------

बच्चों के प्रभावित होते हैं हार्मोस

प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र लखना के प्रभारी डा. अवधेश यादव बताते हैं कि गाय को ऑक्सीटोसिन इंजेक्शन देकर निकाले जाने वाले दूध को जो बच्चे पीते हैं उनके अंदर फीमेल हार्मोंस बढ़ने लगते हैं। इसके अन्य प्रभाव भी होते हैं जैसे दाढ़ी-मूंछ काफी दिन बाद आना या फिर नहीं आना, आवाज फीमेल की तरह होना व अन्य फीमेल हार्मोंस बनने लगते हैं। यह जानकारी ऑक्सीटोसिन इंजेक्शन को लेकर लैब में किए गए प्रेक्टिकल में सामने आई।

-----------------------

पशुओं में ऑक्सीटोसिन के प्रयोग से उनमें कैल्शियम और वसा की कमी, हड्डियों में विकार, लगातार उपयोग से तनाव में आकर 20 प्रतिशत तक ज्यादा दूध देने, भैंस की औसत आयु 15 से घटकर 5-7 वर्ष रह जाने और दूध में सोडियम व नमक की मात्रा बढ़ जाने की समस्याएं सामने आती हैं। इसका प्रयोग पशुओं के स्वास्थ्य पर प्रभाव डालने के साथ उनके लिए जानलेवा भी है।

- पशु चिकित्साधिकारी डा. सोमेश निगम।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.