खरीदने के समय ही आंख में आंसू ला रहा है प्याज
बीते पखवारे से प्याज का भाव जिस तेजी से बढ़ रहा है वह अभी शुरूआत है। आगामी तीन-चार माह तक प्याज अपने शौकीनों को तेज आंसू बहाने पर विवश करेगा।
जागरण संवाददाता, इटावा : वैसे तो प्याज को काटते समय आंख में आंसू आ ही जाते हैं लेकिन इस बार प्याज की बढ़ी कीमतें खरीदने के समय ही प्याज के प्रेमी लोगों की आंख में आंसू ला सकते हैं। बीते पखवारे से प्याज का भाव जिस तेजी से बढ़ रहा है वह अभी शुरूआत है। आगामी तीन-चार माह तक प्याज अपने शौकीनों को तेज आंसू बहाने पर विवश करेगा। अभी प्याज के आम ग्राहकों को 40 से 50 रुपये किलो प्याज खरीदना पड़ रहा है, यही हालत रही तो भाव 100 तक पहुंच सकता है। व्यापारियों की मानें तो अनवरत बारिश से प्याज की फसल काफी बर्बाद हुई है इससे हालत और भी ज्यादा बदतर होंगे।
जनपद में हर माह करीब दस हजार किलो प्याज की खपत है, महाराष्ट्र तथा मध्यप्रदेश इस खपत को पूरा करता है। दोनों प्रांतों के प्याज की फसल वाले क्षेत्र नासिक, इंदौर तथा मंदसौर मानसून की लगातार बेतहाशा बारिश से बेहाल हैं। वहां जो प्याज सुरक्षित रखा था उसका अधिकांश हिस्सा खराब हो गया जबकि नई फसल आने में बारिश समाप्त होने के बाद तीन-चार माह का समय लगेगा। प्याज खराब होने से वहां के व्यापारियों ने भाव इतना बढ़ा दिया है कि प्याज की कीमतें आसमान छूने लगी हैं। दूसरी ओर मंडी में थोक भाव से फुटकर दुकानों तथा हथठेलों पर प्याज के भाव दोगुना से अधिक हो जाते हैं। इस ओर प्रशासन भी कोई ध्यान नहीं दे रहा है। जिससे मनमर्जी के भाव वसूले जाने से आम जनमानस को मजबूरन अपनी जेब ढीली करनी पड़ रही है। अभी शुरूआती में दौर में यह हालत है, फसल आने से पूर्व भाव 100 रुपये किलो तक पहुंच सकता है जिससे गरीबों की चटनी में प्रयोग होने वाला प्याज उनके लिए खरीदना मुश्किल होगा। जनपद में प्याज की खपत माह किलो
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अगस्त 9901 चार गुना बढ़ गया भाव सब्जी मंडी एसोसिएशन अध्यक्ष नौशे भाई का कहना है कि महाराष्ट्र तथा मध्य प्रदेश के प्याज वाले क्षेत्र में लगातार बारिश से भंडारित प्याज काफी मात्रा में खराब हो गई। प्याज का अधिकांश हिस्सा काला पड़ गया है लेकिन प्याज की मांग अन्य कई प्रांतों तक होने से वहां करीब चार गुना अधिक भाव बढ़ गया है। दूसरी ओर 20 टन प्याज ट्रक से लाने पर करीब 40 से 42 हजार भाड़ा तथा कीमत का ढाई फीसद मंडी कर अदा करने पर प्याज यहां की थोक मंडी में आने तक 28 रुपये किलो हो जाता है। इसके पश्चात पल्लेदारी तथा अन्य खर्चें लगते हैं। आगामी तीन-चार बाद नई फसल आने पर ही कीमत कम होगी। जल्द लगेगा रिटेल काउंटर कृषि उत्पादन मंडी समिति सचिव आशीष यादव का कहना है कि दैवीय आपदा के तहत प्याज की कीमत में बढ़ोत्तरी हो रही है फिर भी प्याज की कीमतों की निगरानी कराई जा रही है। फुटकर तथा हथठेलों पर बिक्री सही दर पर हो इसके लिए सार्थक प्रयास किया जाएगा। दूसरी ओर आम जनता कीमतों को लेकर ज्यादा परेशान न हो इसके लिए मंडी परिसर में स्थित चेकपोस्ट के पास आगामी 4-5 दिनों में रिटेल काउंटर लगवाकर नो प्रॉफिट-नो लॉस पर सुबह 10 से शाम 5 बजे के मध्य प्याज की बिक्री करवाई जाएगी।