जेल में गर्भवती महिलाओं के लिए विशेष व्यवस्थाएं नहीं
जागरण संवाददाता इटावा जिला कारागार डेढ़ दशक से ओवरलोड चल रही है। कोविड-19 महाम
जागरण संवाददाता, इटावा : जिला कारागार डेढ़ दशक से ओवरलोड चल रही है। कोविड-19 महामारी से बचाव के लिए उपाय काफी किए गए लेकिन ओवरलोड का ग्रहण हटा नहीं। जेल में इन दिनों 104 महिलाएं विभिन्न आरोपों में विचाराधीन बंदी के रूप में बंद है जिनमें कई गर्भवती भी शामिल हैं। गर्भवती महिलाओं के लिए कोई विशेष व्यवस्थाएं नहीं हैं। जेल के अस्पताल में ही नियमित स्वास्थ्य परीक्षण करके दवाएं दी जाती हैं। गंभीरावस्था होने पर जिला अस्पताल भर्ती कराया जाता है। कोरोना वायरस से बचाव के लिए लॉकडाउन लगने से पहले तक जेल में करीब 1800 बंदी और कैदी थे। सुप्रीम कोर्ट के आदेश से सात साल की कैद के अपराध में सजा पाने वाले करीब तीन सैकड़ा से अधिक बंदियों और कैदियों को पेरौल तथा जमानत पर मुक्त करके जेल का लोड कम करने का प्रयास किया गया फिर इस 610 बंदियों को रखने की क्षमता वाली इस जेल में 1606 बंदी और कैदी मौजूद हैं, इनमें 104 महिलाएं भी शामिल हैं, इनमें 9 बच्चे 0 से 6 साल के हैं। जेल प्रशासन गर्भवती महिलाओं की संख्या बताने पर मौन साध गया लेकिन सूत्रों के मुताबिक डेढ़ दर्जन गर्भवती महिलाएं आम महिला बंदियों के साथ ही रह रही हैं। जिनका जेल में स्थित अस्पताल में ही निर्घारित समय पर स्वास्थ्य परीक्षण होता है, रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने के लिए प्रेरित किया जाता है। सभी के साथ रहने से संक्रमित होने की आशंका को नकारा नहीं जा सकता है। महामारी को लेकर सजगता
जेल के अंदर और मुख्य द्वार पर कोविड-19 महामारी से बचाव के लिए समय-समय पर सैनिटाइजेशन कराने, मास्क लगाने तथा शारीरिक दूरी कायम रखने सहित अन्य नियमों का कड़ाई से पालन कराया जा रहा है। जिससे अभी तक जेल संक्रमण से बची हुई है। गर्भवती महिलाओं के लिए अलग से कोई विशेष व्यवस्थाएं नहीं हैं। इससे संक्रमण से बचने के लिए उनको ही सजगता बरतनी पड़ रही है। गर्भवती महिलाओं के लिए शासन स्तर से कोई विशेष व्यवस्थाएं प्रदान करने के निर्देश नहीं हैं। इसके बावजूद सभी गर्भवती महिलाओं का नियमित स्वास्थ्य परीक्षण होता है। विशेष रोग होने पर जिला अस्पताल में उपचार कराया जाता है।
- राजकिशोर सिंह जेल अधीक्षक