आपरेशन कर 12 वर्षीय मालती को दिया नया जीवन
संवाद सहयोगी सैफई उत्तर प्रदेश आयुर्विज्ञान विश्वविद्यालय सैफई के न्यूरोसर्जरी विभाग द्वारा फ्र
संवाद सहयोगी, सैफई : उत्तर प्रदेश आयुर्विज्ञान विश्वविद्यालय, सैफई के न्यूरोसर्जरी विभाग द्वारा फ्रन्ट्रो नेजल एंसेफलोसीस का सफल आपरेशन कर इटावा निवासी 12 वर्षीय बालिका मालती को नया जीवन दिया गया। यह आपरेशन विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. राजकुमार ने किया। इस जटिल आपरेशन में लगभग 3 घंटे का समय लगा तथा आपरेशन में कुलपति के अलावा न्यूरो सर्जन डा. फहीम, प्लास्टिक सर्जन डा. शम्मी पुरवार, ऐनेस्थिसिया विभाग से डा. प्रशान्त आदि ने भाग लिया। सफल आपरेशन पर विश्वविद्यालय के कुलपति तथा आपरेशन में भाग लेने वाली टीम को विश्वविद्यालय के प्रतिकुलपति डा. रमाकान्त यादव, कुलसचिव डा. पीके जैन, चिकित्सा अधीक्षक डा. आदेश कुमार, निदेशक वित्त गुरजीत सिंह कलसी, वरिष्ठ प्रशासनिक अधिकारी जयशंकर प्रसाद, प्रशासनिक अधिकारी उमाशंकर तथा विश्वविद्यालय के जनसंपर्क अधिकारी अनिल कुमार पांडेय ने बधाई दी। प्रो. राजकुमार ने बताया कि 12 वर्षीय बच्ची मालती पुत्री कमल सिंह, इटावा के फ्रन्ट्रो नेजल एंसेफलोसीस का सफल आपरेशन किया गया। यदि समय से इसका आपरेशन नहीं किया जाये तो यह जानलेवा भी हो सकता है। उन्होंने बताया कि दरअसल जब बच्ची पैदा हुई उसके स्कल (खोपड़ी) का कुछ पार्ट उभर कर बाहर नाक के हिस्से तक चला आया इस वजह से उसकी हालत ऐसी हो गयी। इस कंडीशन को फ्रन्ट्रो नेजल एंसेफलोसीस कहते हैं। यह बीमारी जन्मजात हो सकती है और इसका इलाज आपरेशन है। न्यूरो सर्जरी विभाग के न्यूरो सर्जन डा. फहीम ने बताया कि फ्रन्ट्रो नेजल एंसेफलोसीस का समय से आपरेशन नहीं किया जाये तो इसका आकार बढ़ता जाता है। जिससे मरीज को देखने में गंभीर दिक्कत का सामना करना पड़ सकता है। इसकी वजह से सिर में हाइड्रोसिफेलस होने का भी खतरा हो सकता है। उन्होंने कहा कि इस बीमारी का पता लगने के बाद जितना जल्दी हो आपरेशन करा लेना उचित है।
रोग के लक्षण -स्कल यानी खोपड़ी का कुछ हिस्सा उभरकर बाहर आ जाता है
-यह बीमारी मुंह की तरफ या पीछे के हिस्से में भी हो सकता है
-मरीज अपने आपको असमान्य महसूस करता है
-शुरूआत में यह बीमारी पकड़ में नहीं आती, उम्र बढ़ने पर मालूम पड़ती है कारण -फ्रंटोनेजल एंसेफलोसिस बीमारी पैदाइशी लक्षणों के रूप में होती है
-पैदा होने के बाद ब्रेन के विकास में जुड़ रहीं हड्डियां ठीक ढंग से नहीं जुड़ पातीं
-हड्डियों में कुछ कमी रह जाने के कारण यह समस्या पैदा होती है
-विटामिन बी की कमी, वंशानुगत लक्षण भी हो सकते हैं