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एक्सीडेंट में मृत्युदर कम करने को ही बना नया एक्ट

शुक्रवार को नए मोटर व्हीकल एक्ट को लेकर छात्रों को जागरुक करने के लिए एक कार्यशाला का आयोजन नारायण कालेज आफ साइंस एंड आर्टस के सभागार में किया गया।

By JagranEdited By: Published: Fri, 06 Sep 2019 11:36 PM (IST)Updated: Sat, 07 Sep 2019 06:20 AM (IST)
एक्सीडेंट में मृत्युदर कम करने को ही बना नया एक्ट
एक्सीडेंट में मृत्युदर कम करने को ही बना नया एक्ट

जागरण संवाददाता, इटावा : शुक्रवार को नए मोटर व्हीकल एक्ट को लेकर छात्रों को जागरूक करने के लिए एक कार्यशाला का आयोजन नारायण कालेज आफ साइंस एंड आर्टस के सभागार में किया गया। दैनिक जागरण एवं पुलिस के संयुक्त तत्वावधान में आयोजित कार्यशाला के मुख्य अतिथि एसपी ग्रामीण ओमवीर सिंह ने कहा कि सड़क हादसों में मरने वालों की संख्या में दिनोंदिन हो रही वृद्धि को रोकने के लिए ही नया मोटर व्हीकल एक्ट लागू किया गया है। आंकड़े बताते हैं कि वर्ष 2009 में जहां देश में 97 हजार लोग सड़क दुर्घटना में मरते थे जिनकी संख्या 2017 में बढ़कर 1 लाख 47 हजार 502 पहुंच गई, जो चिता का विषय बन गया है।

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नये मोटर व्हीकल एक्ट को लेकर आम लोगों द्वारा की जाने वाली आलोचना पर अपनी प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए कहा कि व्यवस्था का मजाक उड़ाना उचित नहीं कहा जा सकता है। वर्ष 2018 में देश में सड़क दुर्घटना में 4 लाख 70 लोग घायल हुए, इनके परिवार बिखर गए, अगर नया मोटर व्हीकल एक्ट होता तो पीड़ितों को आर्थिक मदद मिल सकती थी। उन्होंने बताया कि ब्राजीलिया समझौते के तहत विश्व समुदाय के समक्ष भारत ने हस्ताक्षर किए थे जिसमें वर्ष 2020 तक दुर्घटनाओं में होने वाली मौतों की संख्या को घटाकर आधा किया जाना था। वर्ष 2009 में हमारे देश में 97 हजार लोग सड़क दुर्घटना में मरने का आंकड़ा है। यह आंकड़ा घटा तो नहीं परंतु गृह मंत्रालय के जारी आंकड़ों के अनुसार वर्ष 2017 तक बढ़कर 1 लाख 47 हजार पहुंच गया। 2018 में यह आंकड़ा 1 लाख 53 हजार तक पहुंचने वाला है। नया एक्ट इन मौतों को रोकने में सहायक सिद्ध होगा।

जांच में पकड़े जाने पर लोग कराते सिफारिश

उन्होंने कहा कि पुलिस वाहन चालकों की सुरक्षा के लिए प्रयास करती है, अभी हेलमेट की अनिवार्यता की गई है। उसे भी लोग नहीं मानते। जांच के दौरान पकड़े जाने पर सिफारिश कराते हैं। कहा कि 2016 में बने अध्यादेश घायल की मदद करने को बना, 2017 गोल्डन आवर जिसके तहत उपचार की सुविधा दी गई है लाया गया और अब जो नया कानून आया है वह वाहन चालक व उसके परिवार के हितों को देखते हुए ही बनाया गया है। उन्होंने छात्रों से कहा कि सर में लगाने के लिए जैल तो फिर मिल जाएगी, जब सिर ही नहीं रहेगा तो जैल किस काम की, इसलिए हमेशा वाहन चलाते समय हेलमेट व सीट बेल्ट का प्रयोग करना न भूलें। इसकी जानकारी आप अपने अभिभावकों के साथ मोहल्ले व रिश्तेदारों को भी दें। उन्होंने छात्रों से कहा कि आप लोग मोबाइल इस्तेमाल करते हैं लेकिन हेलमेट नहीं, जबकि सुरक्षा के लिए हेलमेट मोबाइल से अधिक उपयोगी है। उन्होंने यातायात के नियमों का पालन करने तथा बैंकों में होने वाली तमाम घटनाओं से सावधान रहने की अपील की।

दिलाई गई शपथ

यातायात इंस्पेक्टर राज कुमार शर्मा ने बच्चों सहित शिक्षकों व अधिकारियों को यातायात के नियमों का पालन करने की शपथ दिलाई। छात्रों ने हेलमेट का प्रयोग करने का आश्वासन भी दिया। एसपी ग्रामीण ने कहा कि शपथ लेने के बाद अब उम्मीद है कि लोग यातायात नियमों का पालन करेंगे। संचालन गौरव अग्रवाल ने किया।


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