शिशु की याद में चंबल सीमा पर बनेगा स्मृति द्वार
महाकवि शिुशु पाल सिंह की जयंती पर आयोजित किया गया कार्यक्रम
संवाद सूत्र, उदी : काव्य विधा के सशक्त हस्ताक्षर महाकवि शिशुपाल सिंह शिशु की जयंती पर पुष्पांजलि एवं काव्यांजलि कार्यक्रम शिशु स्मारक भवन डाकघर प्रांगण में आयोजन किया गया जिसमें सदर विधायक सरिता भदौरिया, पूर्व विधायक अशोक दुबे, कार्यक्रम के संयोजक वरिष्ठ भाजपा नेता विमल भदौरिया द्वारा महाकवि शिशु के जीवन व उनकी काव्य रचनाओं पर प्रकाश डालते हुए पुष्पांजलि अर्पित की गई तो वहीं जनपद भर से पधारे कवियों ने अपनी अपनी काव्य रचनाओं से श्रद्धासुमन अर्पित किए। सदर विधायक सरिता भदौरिया ने कहा कि शिशु की याद को संजोए रखने के लिए चंबल सीमा पर स्मृति द्वार बनवाया जाएगा।
कार्यक्रम संयोजक भाजपा नेता विमल भदौरिया द्वारा शिशु जी की काव्य रचनाओं के छंद एवं उनकी लिखी गजल आदि सुनाने के साथ उपस्थित लोगों के साथ कविगणों से सहयोग का आह्वान किया। पूर्व विधायक अशोक दुबे ने कहा कि चंबल और इटावा जैसी धरती पर महाकवि शिशु के जन्म व उनकी विधा से हम सभी को गौरवान्वित होना चाहिए तथा उनकी स्मृतियों को हमें संजोकर रखने की आवश्यकता है।
कवयित्री वंदना तिवारी ने सरस्वती वंदना के साथ काव्यांजलि कार्यक्रम का शुभारंभ किया तो वहीं कवि राजीव राज द्वारा वन गमन जाते समय श्रीराम व सीता के उस प्रसंग को काव्य में पिरोकर सुनाया। कवि अनुराग असफल, सुनील अवस्थी, उमा दीक्षित, शिवगोपाल अवस्थी, सत्यदेव आजाद, राघवजी, विमल शाक्य एवं ग्राम उदी निवासी नव उभरते कवि सत्यम भदौरिया आदि द्वारा अपनी काव्य रचनाएं प्रस्तुत की। अध्यक्षता कर रहे ग्राम उदी के निवासी वयोवृद्ध कवि एवं शिशु के शिष्य शिव बहादुर भदौरिया द्वारा सामाजिक कुरीतियों व भ्रांतियों को मिटाने में ज्वाला प्रज्ज्वलित करने वाली लिखी गई शिशु की काव्य रचनाएं प्रस्तुत की। हास्य कवि रजनीश त्रिपाठी द्वारा अपनी हास्य से ओतप्रोत रचना सुनाकर लोगों को खूब गुदगुदाया।
व्यवस्थापक महाकवि शिशु के पौत्र आशीष भदौरिया, रामपाल भदौरिया द्वारा मुख्य अतिथियों, कविगणों को प्रतीक चिह्न भेंट कर सम्मानित व आभार व्यक्त किया। कर्नल रामकुमार सिंह भदौरिया, इकदिल चैयरमेन सौरभ दीक्षित, भाजपा नेता जितेंद्र भदौरिया, पुत्तन भदौरिया, दिनेश भदौरिया, गोलू भदौरिया, पत्रकार महाराज सिंह भदौरिया आदि सहित भारी संख्या में संभ्रांत जन व नवयुवक उपस्थित रहे।