खून की कमी से कुपोषित हो रही 'कोख'
जागरण संवाददाता, इटावा : किशोरी से लेकर गर्भवती महिलाओं के शरीर में होने वाली खून की
जागरण संवाददाता, इटावा : किशोरी से लेकर गर्भवती महिलाओं के शरीर में होने वाली खून की कमी बड़ी समस्या बनती जा रही है। राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन द्वारा हर माह की नौ तारीख को सीएचसी में शिविर लगाकर महिलाओं का स्वास्थ्य परीक्षण किया जाता है। इसके जो नतीजे सामने आए, उसने स्वास्थ्य विभाग की नींद उड़ा दी है। जिले की 224 गर्भवती महिलाओं में हीमोग्लोबिन की कमी, जबकि 59 में एनीमिया व 209 महिलाओं में मधुमेह की बीमारी मिली है।
विश्व स्वास्थ्य संगठन की गाइड लाइन के अनुसार महिलाओं में हीमोग्लोबिन का स्तर 11 ग्राम अनिवार्य है, जबकि जिले की 224 महिलाओं का हीमोग्लोबिन सात से आठ ग्राम ही पाया गया। महिला जिला अस्पताल के सीएमएस डा. एके जाटव का कहना है कि महिलाओं में हीमोग्लोबिन की कमी उनकी सेहत के लिए खतरनाक हो सकती है। गर्भवती महिला एनीमिया की शिकार है तो उसके गर्भस्थ शिशु पर भी असर पड़ता है। ऐसी महिलाओं को अगर पौष्टिक खुराक नहीं मिलती तो होने वाला शिशु कुपोषित होता है। जनपद के ग्रामीण क्षेत्रों की सर्वाधिक महिलाओं में एनीमिया व खून की कमी पाई जाती हैं।
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जिले की स्थिति एक नजर में
सीएचसी - एनीमिया -हीमोग्लोबिन - ब्लड सुगर
भरथना - 06 - 25 - 25
जसवंतनगर - 11 - 24 -27
महेवा - 2 - 15 - 13
राजपुर - 4 - 12 - 09
सैफई - 3 - 15 - 15
सरसई नावर - 3 - 05 - 07
उदी - 9 - 19 - 21
बसरेहर - 15 - 51 - 36
अरबन 6 - 58 - 56
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केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय एवं एनएचएम की ओर से हर माह की नौ तारीख को महिलाओं के स्वास्थ्य परीक्षण के लिए शिविर लगाए जाते हैं। इस समय जनपद की 492 महिलाएं खून संबंधी विभिन्न बीमारियों से पीड़ित हैं। सभी का उपचार शुरू करा दिया गया है।
-संदीप दीक्षित, जिला समन्वयक एनएचएम