जूनियर डाक्टरों की हड़ताल जारी, मरीजों की सांसें अटकी
संवाद सहयोगी सैफई मेडिकल यूनिवर्सिटी में रविवार को भी जूनियर डाक्टरों की हड़ताल जार
संवाद सहयोगी, सैफई : मेडिकल यूनिवर्सिटी में रविवार को भी जूनियर डाक्टरों की हड़ताल जारी रही। हड़ताल के चलते मरीजों को परेशानी हुई। मरीजों को इमरजेंसी में इलाज के लिए प्रतीक्षा करनी पड़ी। मरीजों को भर्ती कराने को लेकर तीमारदारों को परेशानी हुई।
पीजी काउंसलिग जल्द कराए जाने की मांग को लेकर मेडिकल यूनिवर्सिटी रेजिडेंट डाक्टरों द्वारा पांच दिनों से ओपीडी में सेवाएं बंद हैं। वे हड़ताल कर अपनी मांगों पर डटे हुए हैं। सोमवार से इमरजेंसी सेवाएं छोड़कर अपनी नियमित सेवाएं पूरी तरह से बंद करेंगे। रेजिडेंट डाक्टर एसोसिएशन के अध्यक्ष डा. टिकू सिंह ने बताया कि शनिवार को विश्वविद्यालय के कुलसचिव सुरेश चंद्र शर्मा से मिलकर सोमवार को इमरजेंसी सेवाएं छोड़कर अन्य सभी नियमित सेवाओं में अपनी सेवा न देने का ज्ञापन दिया था। जिसमें अवगत कराया था कि नीट पीजी काउंसलिग में अत्यधिक विलंब व कोरोना के नए वेरिएंट ओमिक्रोन के आ जाने से कोविड की नई लहर आने के खतरे के मद्देन•ार यह कदम उठाया गया है। कोविड का नया वेरिएंट आ जाने से आशंका है कि कोविड की अगली वेब जल्द ही आएगी। दो माह पहले परिणाम आया, काउंसिलिग का इंतजार नीट पीजी की परीक्षा हर वर्ष जनवरी माह में संपन्न होती थी और मार्च तक काउंसिलिग होकर अप्रैल माह से सेशन शुरू हो जाता था। कोविड महामारी के कारण जनवरी 2020 के बाद नीट परीक्षा सितंबर 2021 में हुई, जिसका परिणाम लगभग दो माह पहले आ चुका है। परंतु अभी तक काउंसलिग शुरू नहीं हो पाई है, जिससे देश के सभी मेडिकल कालेज में नए जूनियर नहीं आ पा रहे हैं। पुराने जूनियर का एक बैच पास होकर निकल गया है तथा दूसरा बैच कुछ महीनों में निकल जाएगा। अगर कोविड लहर फिर से आ जाती है, तो पूरी स्वास्थ्य व्यवस्था चरमरा जाएगी। जूनियर डाक्टरों ने निकाला कैंडल मार्च काउंसलिग में हो रहे विलंब के विरोध में विश्वविद्यालय के रेजिडेंट डाक्टर्स एसोसिएशन की ओर से कैंडल मार्च निकाला गया। इस कैंडल मार्च मे सैकड़ों की संख्या में जूनियर डाक्टर शामिल हुए। वे कैंडल लेकर मेडिकल कालेज एवं विश्वविद्यालय के इमरजेंसी ट्रामा सेंटर, प्रशासनिक भवन, हास्पिटल आदि क्षेत्र में घूमे।